
अंकारा/इस्तांबुल (IANS): यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की ने कहा है कि यूक्रेन की एक प्रतिनिधि मंडली रूस के साथ संघर्ष समाप्त करने के उद्देश्य से इस्तांबुल में होने वाली आगामी शांति वार्ता में भाग लेगी, हालांकि वे स्वयं वार्ता में शामिल नहीं होंगे।
तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैयप एर्दोआन से मुलाकात के बाद अंकारा स्थित यूक्रेनी दूतावास में पत्रकारों से बात करते हुए, ज़ेलेंस्की ने पुष्टि की कि यूक्रेन एक प्रतिनिधिमंडल इस्तांबुल भेजेगा।
उन्होंने कहा कि यूक्रेन संवाद के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन साथ ही मॉस्को की मंशा पर संदेह जताया। ज़ेलेंस्की ने कहा कि उन्हें रूसी प्रतिनिधिमंडल में कोई "निर्णय लेने वाला" व्यक्ति नज़र नहीं आता, जो शांति वार्ता में प्रभावी हो सके।
यूक्रेनी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व रक्षा मंत्री रुस्तम उमेरोव करेंगे, जिनके साथ सैन्य और खुफिया अधिकारी भी शामिल होंगे। ज़ेलेंस्की ने बताया कि वार्ता गुरुवार या शुक्रवार को हो सकती है, और इसके लिए वे वॉशिंगटन और मॉस्को दोनों की पुष्टि का इंतजार कर रहे हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि यदि बिना किसी शर्त के युद्धविराम पर बातचीत की जाएगी, तो वे स्वयं भी चर्चा के लिए तैयार हैं।
इस बीच, रूसी प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के वरिष्ठ सलाहकार व्लादिमीर मेडिंस्की ने कहा कि उनकी टीम के पास वार्ता के लिए आवश्यक अनुभव और क्षमता है और वे संघर्ष के मूल कारणों को संबोधित करते हुए एक स्थायी समाधान खोजने की दिशा में काम करेंगे।
इस्तांबुल स्थित रूसी वाणिज्य दूतावास के बाहर मीडिया से बात करते हुए, मेडिंस्की ने कहा कि रूस इस नई वार्ता को 2022 में बाधित हुई शांति प्रक्रिया की निरंतरता के रूप में देखता है और उसका उद्देश्य स्थायी शांति की दिशा में बढ़ना है।
वहीं, तुर्की के विदेश मंत्री हाकान फिदान ने एंटाल्या में नाटो विदेश मंत्रियों की बैठक के बाद कहा कि रूस और यूक्रेन दोनों ही सिद्धांततः युद्धविराम के पक्ष में हैं, लेकिन उनके रुख अलग-अलग हैं।
यूक्रेन तत्काल और बिना शर्त युद्धविराम चाहता है, जबकि रूस का मानना है कि पहले कुछ शर्तों और प्रक्रियाओं पर सहमति जरूरी है।
फिदान ने कहा कि यूक्रेन-रूस वार्ता एक निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुकी है और अब दोनों पक्षों को समझौता कर आगे बढ़ने की जरूरत है।
नाटो बैठक में शामिल अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने कहा कि वाशिंगटन वार्ता के ज़रिए समाधान चाहता है।
"आने वाले कुछ दिनों में क्या होता है, यह देखना होगा, लेकिन हम सकारात्मक प्रगति की उम्मीद कर रहे हैं," उन्होंने कहा।
इस्तांबुल में यह वार्ता राष्ट्रपति पुतिन द्वारा हाल ही में प्रत्यक्ष बातचीत शुरू करने के प्रस्ताव के बाद हो रही है।
ज़ेलेंस्की पहले भी यह संकेत दे चुके हैं कि यदि परिस्थितियाँ अनुकूल हों, तो वे पुतिन से आमने-सामने की मुलाकात के लिए तैयार हैं, लेकिन क्रेमलिन ने स्पष्ट किया है कि पुतिन वार्ता में शामिल नहीं होंगे।
गौरतलब है कि रूस और यूक्रेन के बीच आखिरी सीधी बातचीत मार्च 2022 में इस्तांबुल में हुई थी, जो बिना किसी ठोस नतीजे के समाप्त हो गई थी।