
नई दिल्ली (IANS) — जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए भीषण आतंकी हमले में 26 लोगों की जान जाने के बाद भारत ने पाकिस्तान की कथित भूमिका को उजागर करने के लिए एक सशक्त कूटनीतिक अभियान शुरू किया है। इसके तहत विभिन्न राजनीतिक दलों के सांसदों के सात प्रतिनिधिमंडल दुनिया के प्रमुख देशों की यात्रा पर भेजे जाएंगे।
इस पहल का उद्देश्य पाकिस्तान की आतंकी गतिविधियों में संलिप्तता को वैश्विक मंचों पर उजागर करना और भारत के आतंकवाद के प्रति 'शून्य सहिष्णुता' (zero tolerance) के रुख को स्पष्ट करना है।
प्रत्येक प्रतिनिधिमंडल में अलग-अलग दलों के सांसद, प्रमुख राजनीतिक नेता और वरिष्ठ राजनयिक शामिल होंगे।
इन प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व करने वाले प्रमुख सांसदों में शामिल हैं:
शशि थरूर (कांग्रेस)
रवि शंकर प्रसाद और बैजयंत पांडा (भाजपा)
संजय कुमार झा (जदयू)
कनिमोझी करुणानिधि (द्रमुक)
सुप्रिया सुले (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी — शरद पवार गुट)
श्रीकांत एकनाथ शिंदे (शिवसेना)
संसदीय कार्य मंत्रालय के अनुसार, ये सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल इस महीने के अंत तक संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के सदस्य देशों सहित कई प्रमुख साझेदार देशों का दौरा करेंगे।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है,
"‘ऑपरेशन सिंदूर’ और सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत की सतत लड़ाई के संदर्भ में, सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल प्रमुख देशों की यात्रा पर जा रहे हैं। ये प्रतिनिधिमंडल भारत की आतंकवाद विरोधी नीति की स्पष्टता और राष्ट्रीय एकजुटता का प्रतीक होंगे।”
केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने X (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा,
“जब सबसे अधिक ज़रूरत होती है, भारत एकजुट होता है। सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल शीघ्र ही प्रमुख साझेदार देशों की यात्रा करेंगे और आतंकवाद के विरुद्ध हमारे साझा संदेश को पहुँचाएंगे। यह राजनीति से ऊपर, मतभेदों से परे हमारी राष्ट्रीय एकता का शक्तिशाली प्रतीक है।”
ये प्रतिनिधिमंडल जिन देशों का दौरा करेंगे, उनमें शामिल हैं:
संयुक्त अरब अमीरात (UAE), कतर, दक्षिण अफ्रीका, मिस्र, अमेरिका और जापान।
इस दौरे का मुख्य उद्देश्य होगा:
पहलगाम आतंकी हमले की जानकारी और पाकिस्तान की भूमिका से अवगत कराना
यह स्पष्ट करना कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पाकिस्तान अधिकृत क्षेत्रों में स्थित आतंकी ठिकानों के खिलाफ था, और इससे आम नागरिकों को कोई नुकसान नहीं पहुँचाया गया।
प्रतिनिधिमंडलों में शामिल अन्य सांसदों में हो सकते हैं:
अनुराग ठाकुर, राजीव प्रताप रूडी, तेजस्वी सूर्या (भाजपा)
लावू श्री कृष्ण देवरायलु (तेदेपा)
मनीष तिवारी (कांग्रेस)
असदुद्दीन ओवैसी (AIMIM)
सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान द्वारा कश्मीर मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण करने के प्रयासों और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की हालिया टिप्पणियों के जवाब में यह रणनीतिक कदम उठाया गया है।
नई दिल्ली का स्पष्ट रुख है कि कश्मीर भारत और पाकिस्तान के बीच एक द्विपक्षीय मुद्दा है और इसमें बाहरी हस्तक्षेप की कोई आवश्यकता नहीं है।
यह पहली बार है जब मोदी सरकार ने विभिन्न दलों के निर्वाचित प्रतिनिधियों को भारत के रुख को वैश्विक मंचों पर रखने के लिए राजनयिक दूतों के रूप में संगठित किया है।