ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता या मध्यस्थता पर कोई चर्चा नहीं हुई: पीएम मोदी ने ट्रंप से कहाBy Admin Wed, 18 June 2025 06:22 AM

नई दिल्ली – विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बुधवार को बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को स्पष्ट रूप से बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान न तो व्यापार वार्ता और न ही मध्यस्थता पर कोई चर्चा हुई थी, और पाकिस्तान द्वारा संघर्षविराम का अनुरोध किए जाने के बाद ही सैन्य कार्रवाई रोकी गई।

जब भारत ने पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों पर ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया, तो अमेरिका समेत कई देशों के शीर्ष नेताओं ने दिल्ली से संपर्क करने की कोशिश की।
12 मई को भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम समझौते की घोषणा से पहले ट्रंप ने कहा था कि उन्होंने यह मामला व्यापार समझौते के ज़रिए सुलझा दिया।

उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा था:

“मुझे लगता है मैंने इसे व्यापार के ज़रिए सुलझाया। हम भारत के साथ बड़ा सौदा कर रहे हैं। पाकिस्तान के साथ भी।”

भारत ने तुरंत इस दावे को खारिज कर दिया था और अब पीएम मोदी ने फोन पर ट्रंप से बात कर फिर से यही संदेश दिया।

विदेश सचिव मिस्री के मुताबिक, पीएम मोदी ने ट्रंप से कहा कि सैन्य कार्रवाई केवल भारत और पाकिस्तान के बीच आपसी सैन्य संवाद के बाद ही रोकी गई थी। साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत किसी भी हालत में पाकिस्तान से जुड़े मामलों में किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को स्वीकार नहीं करता।

ट्रंप ने 12 मई के बाद से बार-बार दावा किया कि उनकी सरकार ने परमाणु संपन्न दोनों देशों के बीच लंबे संवाद के बाद संघर्षविराम कराया।

मिस्री ने बताया कि पीएम मोदी और ट्रंप के बीच फोन पर 35 मिनट लंबी बातचीत हुई, जो पहलगाम आतंकी हमले और उसके जवाब में हुए ऑपरेशन सिंदूर के बाद दोनों नेताओं की पहली बातचीत थी।

यह कॉल ट्रंप के अनुरोध पर हुई, क्योंकि जी7 शिखर सम्मेलन से उनका अमेरिका लौटना तय हो गया था, जिसके कारण दोनों नेताओं की आमने-सामने की बैठक रद्द हो गई थी।

बातचीत के दौरान पीएम मोदी ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले, जिसमें 26 पर्यटक मारे गए, पर भारत की संतुलित लेकिन सटीक प्रतिक्रिया के बारे में बताया।

इस हमले की जिम्मेदारी द रेसिस्टेंस फ्रंट ने ली थी, जो लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा समूह है।

मिस्री ने कहा:

“प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि 6-7 मई की रात भारत ने केवल आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया, वह भी अत्यंत सटीक और सीमित तरीके से। भारत ने पहले ही साफ कर दिया था – पाकिस्तान की ‘गोली’ का जवाब ‘गोले’ से मिलेगा।”

ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने पाकिस्तान और PoK में 9 प्रमुख आतंकी ठिकानों को तबाह किया।
इसके जवाब में पाकिस्तान ने भारतीय सैन्य और नागरिक, धार्मिक स्थलों को भी निशाना बनाया, जिससे तनाव और बढ़ा।

मिस्री ने कहा कि भारत की जवाबी कार्रवाई के बाद पाकिस्तान ने ही संघर्षविराम की मांग की।

उन्होंने आगे कहा:

“प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट किया कि संघर्षविराम पाकिस्तान के अनुरोध पर हुआ, और भारत ने किसी भी स्तर पर अमेरिका के साथ न तो व्यापार वार्ता की और न ही कोई मध्यस्थता स्वीकारी। कार्रवाई केवल भारत और पाकिस्तान के सैन्य चैनल्स के ज़रिए तय हुई थी।”

भारत की नीति पर जोर देते हुए, मिस्री ने कहा:

“प्रधानमंत्री ने दोहराया कि भारत ने कभी भी मध्यस्थता को स्वीकार नहीं किया है, न करता है, और न कभी करेगा। इस पर भारत में पूर्ण राजनीतिक एकता है।”

मिस्री के अनुसार, राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत की स्थिति को समझा और आतंक के खिलाफ लड़ाई में भारत का समर्थन जताया। पीएम मोदी ने ट्रंप को यह भी बताया कि

“पाकिस्तान की ओर से होने वाला कोई भी आतंकी हमला भारत के लिए युद्ध माना जाएगा, और ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ है।”

मिस्री ने यह भी खुलासा किया कि 9 मई की रात अमेरिकी उपराष्ट्रपति वेंस ने पीएम मोदी को चेताया था कि पाकिस्तान बड़ा जवाबी हमला कर सकता है।

इस पर पीएम मोदी ने कहा:

“अगर ऐसा हुआ, तो भारत और भी कड़ी प्रतिक्रिया देगा।”

9-10 मई की रात भारत की जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान को भारी नुकसान हुआ, जिसमें उसके कई एयरबेस निष्क्रिय हो गए।

बातचीत के अंत में ट्रंप ने पूछा कि क्या पीएम मोदी कनाडा से लौटते वक्त अमेरिका रुक सकते हैं, लेकिन पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों के चलते प्रधानमंत्री ने असमर्थता जताई। दोनों ने जल्द मिलने की सहमति जताई।

बातचीत में ईरान-इज़राइल संघर्ष, रूस-यूक्रेन युद्ध और इंडो-पैसिफिक में QUAD की भूमिका पर भी चर्चा हुई।

पीएम मोदी ने ट्रंप को अगली क्वाड समिट के लिए भारत आमंत्रित किया, जिसे ट्रंप ने स्वीकार कर लिया।

 

With inputs from IANS