
न्यूयॉर्क: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा ईरान और इज़राइल के बीच पूर्ण युद्धविराम की घोषणा के बाद हालात भ्रम और संदेह से घिर गए हैं। वहीं एक वरिष्ठ ईरानी अधिकारी ने CNN से बातचीत में कहा कि तेहरान को अमेरिका की ओर से कोई औपचारिक युद्धविराम प्रस्ताव नहीं मिला है, और न ही ईरान को इज़राइल या वाशिंगटन के साथ संघर्ष रोकने का कोई कारण नजर आता है।
अधिकारी ने कहा, "इस वक्त दुश्मन ईरान पर हमला कर रहा है, और ईरान अपने जवाबी हमले और तेज करने की कगार पर है। हमें अपने दुश्मनों के झूठ पर कान देने की कोई जरूरत नहीं है।" उन्होंने अमेरिका और इज़राइल के नेताओं के बयानों को "धोखा" बताया जो ईरान पर आगे हमला करने का औचित्य साबित करने की कोशिश है।
इस बीच, ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराक़ची ने मीडिया रिपोर्टों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ईरान और इज़राइल के बीच युद्धविराम पर कोई सहमति नहीं बनी है।
विरोधाभासी बयानों के चलते इस कथित युद्धविराम के क्रियान्वयन और स्थायित्व पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं। सोमवार रात तक न तो ईरानी और न ही इज़राइली अधिकारियों ने किसी भी तरह की समझौते की सार्वजनिक पुष्टि की थी।
व्हाइट हाउस और पेंटागन की ओर से भी कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है, जिससे यह स्पष्ट नहीं हो सका कि यह कथित समझौता राजनयिक चैनलों के ज़रिए हुआ था या नहीं—और क्या दोनों पक्ष इसे लागू करने का इरादा रखते हैं।
ट्रंप ने सोमवार रात अपनी सोशल मीडिया साइट ट्रुथ सोशल पर दावा किया कि ईरान और इज़राइल के बीच पूर्ण युद्धविराम पर औपचारिक सहमति हो गई है, जिसे उन्होंने "12 दिवसीय युद्ध" का अंत बताया।
ट्रंप के मुताबिक, युद्धविराम छह घंटे के भीतर शुरू होगा, जब दोनों देश अपनी मौजूदा सैन्य कार्रवाइयों को पूरा कर लेंगे। यह प्रारंभिक युद्धविराम 12 घंटे तक चलेगा, जिसमें दोनों पक्ष "शांति और सम्मान" की स्थिति बनाए रखेंगे।
उन्होंने बताया कि पहले ईरान युद्धविराम की शुरुआत करेगा, और 12 घंटे बाद इज़राइल इसे अपनाएगा। इसके बाद 24 घंटे के अंत में युद्ध के समाप्त होने की आधिकारिक घोषणा होगी।
ट्रंप ने लिखा, "अगर सब कुछ योजना के अनुसार चलता है—जो चलेगा ही—तो मैं दोनों देशों को बधाई देना चाहता हूं... जिन्होंने इस '12 दिवसीय युद्ध' को खत्म करने का साहस, धैर्य और विवेक दिखाया।"
इस समझौते को ट्रंप ने "ऐतिहासिक उपलब्धि" बताया और कहा कि इससे "मध्य पूर्व वर्षों की तबाही से बच सकता है।" अपने संदेश के अंत में उन्होंने एकता का आह्वान करते हुए कहा:
"ईश्वर इज़राइल को आशीर्वाद दे, ईश्वर ईरान को आशीर्वाद दे, ईश्वर मध्य पूर्व को आशीर्वाद दे, ईश्वर अमेरिका को आशीर्वाद दे और ईश्वर दुनिया को आशीर्वाद दे!"
With inputs from IANS