
वॉशिंगटन- विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा है कि जटिल द्विपक्षीय संबंधों में चुनौतियां स्वाभाविक हैं, लेकिन असली बात यह है कि संबंधों की दिशा सकारात्मक बनी रहे।
भारत-अमेरिका संबंधों पर बात करते हुए जयशंकर ने कहा कि बीते 25 वर्षों में दोनों देशों के रिश्तों में लगातार मजबूती देखने को मिली है।
वॉशिंगटन में मंगलवार (भारतीय समयानुसार) क्वाड देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक से पहले न्यूज़वीक को दिए इंटरव्यू में जयशंकर ने कहा, “पिछले 11 वर्षों की बात करें तो भारत-अमेरिका संबंधों की दिशा बहुत सकारात्मक रही है। क्लिंटन, बुश, ओबामा, ट्रंप, बाइडेन और अब फिर से ट्रंप—पांच बिल्कुल अलग-अलग राष्ट्रपति रहे, लेकिन हर कार्यकाल के अंत में अगर भारत-अमेरिका संबंधों का जायजा लें तो पाएंगे कि यह उस कार्यकाल की शुरुआत की तुलना में बेहतर ही हुआ है।”
उन्होंने इंटरव्यू का लिंक एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर साझा करते हुए लिखा, “बहुपोलीय विश्व में भारत की भूमिका और स्थिति पर साझा दृष्टिकोण—भारत एक सभ्यतागत राष्ट्र, एक बहुलवादी लोकतंत्र, प्रतिभाओं का केंद्र, कूटनीतिक सेतु और वैश्विक दक्षिण की आवाज है।”
जयशंकर ने दोनों देशों के रिश्तों की मजबूती के पीछे संरचनात्मक कारणों का जिक्र करते हुए कहा, “पिछले 25 वर्षों की यदि प्रवृत्ति देखें तो यह काफी मजबूत रही है। इस रिश्ते में अर्थव्यवस्था, तकनीक, मानव संसाधन, शिक्षा, सुरक्षा और ऊर्जा जैसे कई कारक मजबूती लाते हैं।”
डिप्लोमेटिक तनाव को सामान्य बताते हुए उन्होंने कहा, “क्या तर्क-वितर्क, मतभेद या घटनाएं होती हैं? बिल्कुल होती हैं। ऐसा पहली बार नहीं है। हर अमेरिकी राष्ट्रपति के दौर में कोई न कोई ऐसा मसला रहा है, जो उस समय तनाव का कारण बना।”
उन्होंने न्यूयॉर्क में भारतीय राजनयिक की गिरफ्तारी, पाकिस्तान को अमेरिकी हथियारों की बिक्री और धारा 301 व्यापार विवाद जैसे मुद्दों को उदाहरण के तौर पर याद किया।
जयशंकर ने कहा, “हमने इन सभी मुद्दों का सामना किया और समाधान निकाला। रिश्ते कभी भी पूरी तरह मुद्दों या मतभेदों से मुक्त नहीं हो सकते। सबसे अहम बात यह है कि आप इन समस्याओं से कैसे निपटते हैं और संबंधों को आगे सकारात्मक दिशा में कैसे ले जाते हैं।”
व्यापार के मुद्दे पर जयशंकर ने कहा, “हम फिलहाल बहुत जटिल व्यापार वार्ता के बीच में हैं, उम्मीद करता हूं कि हम मध्य से आगे निकल चुके हैं। मेरी इच्छा है कि हम इसे सफलतापूर्वक निष्कर्ष तक पहुंचाएं। हालांकि इसकी पूरी गारंटी नहीं दे सकता, क्योंकि इसमें दूसरी पार्टी भी शामिल है, लेकिन संभावना जरूर है।”
व्हाइट हाउस की प्रवक्ता कैरोलिन लेविट ने भी पुष्टि की कि यह व्यापार समझौता अंतिम चरण में है।
जयशंकर मंगलवार को क्वाड विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो से मुलाकात करेंगे, जिसमें जापान और ऑस्ट्रेलिया के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे।
जयशंकर ने कहा, “मुझे लगता है कि यह संभव है और अगले कुछ दिनों में स्थिति पर नजर रखनी होगी।”
With inputs from IANS