न्यूयॉर्क — अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि अमेरिका और रूस के बीच यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने की दिशा में "काफी प्रगति" हुई है और उन्होंने यह अनुमान लगाया कि रूस से तेल खरीदने पर भारत पर लगाया गया दंडात्मक शुल्क (टैरिफ) शायद इस प्रगति का एक कारण हो सकता है।
बुधवार को स्थानीय समय अनुसार ट्रंप ने कहा,
"हमने भारत पर 50 प्रतिशत का टैरिफ लगाया। मुझे नहीं पता कि इसका कोई असर पड़ा या नहीं, लेकिन आज रूस के साथ हमारी बातचीत काफी सकारात्मक रही।"
ट्रंप ने पिछले सप्ताह भारत पर 25 प्रतिशत का टैरिफ लगाया था, और बुधवार को रूस से तेल खरीदने को लेकर अतिरिक्त 25 प्रतिशत शुल्क की घोषणा की, जिससे कुल टैरिफ 50% हो गया।
भारत ने इसे "दुर्भाग्यपूर्ण" बताया और कहा है कि वह "अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगा।"
जब एक पत्रकार ने पूछा कि क्या रूस के साथ समझौता होने की स्थिति में भारत पर लगाए गए 25% अतिरिक्त टैरिफ को हटाया जा सकता है, तो ट्रंप ने संकेत दिया कि "यह संभव है, लेकिन फिलहाल वे 50 प्रतिशत शुल्क चुका रहे हैं।"
ट्रंप के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ़ ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से तीन घंटे की बैठक की, जिसे दोनों पक्षों ने "रचनात्मक और सकारात्मक" बताया।
यूक्रेन में शांति की संभावना पर ट्रंप ने कहा,
"हमारी आज पुतिन के साथ बहुत अच्छी बातचीत हुई।"
उन्होंने यह भी कहा, "एक अच्छा मौका है कि हम अब शांति के रास्ते के अंत की ओर बढ़ रहे हैं।"
उन्होंने यह भी संकेत दिया कि वह खुद, पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेन्स्की के बीच एक त्रिपक्षीय बैठक हो सकती है।
क्रेमलिन के प्रवक्ता यूरी उशाकोव ने भी पुष्टि की कि पुतिन और विटकॉफ़ के बीच "सार्थक और रचनात्मक वार्ता" हुई।
भारत पर लगाया गया तेल शुल्क 21 दिनों के भीतर प्रभाव में आने वाला है।
ट्रंप ने भारत को "रूस का दूसरा सबसे बड़ा तेल खरीदार" बताया, जो "चीन के बहुत करीब" है।
जब उनसे पूछा गया कि भारत को ही निशाना क्यों बनाया गया जबकि चीन समेत कई अन्य देश भी रूसी तेल खरीद रहे हैं, तो ट्रंप ने कहा,
"ऐसा चीन के साथ भी हो सकता है। हो सकता है, मैं अभी नहीं कह सकता, लेकिन अगर ज़रूरत पड़ी तो हम करेंगे। भारत के साथ किया है, शायद औरों के साथ भी करें। उनमें से एक चीन हो सकता है।"
नई दिल्ली ने अमेरिका द्वारा भारत पर अतिरिक्त शुल्क लगाने को
"बेहद दुर्भाग्यपूर्ण" बताया और कहा,
"ऐसे कदम उन देशों के खिलाफ उठाए जा रहे हैं जो अपने राष्ट्रीय हितों को ध्यान में रखकर वही कार्य कर रहे हैं जो अन्य देश भी कर रहे हैं।"
ट्रंप ने इन टैरिफ्स को "सेकेंडरी सैंक्शंस" बताया, जिनका उद्देश्य रूस के वित्तीय स्रोत को खत्म करना है। हालांकि उन्होंने पहले कहा था कि ये सभी रूसी तेल खरीदने वाले देशों पर लागू होंगे, लेकिन फिलहाल केवल भारत पर ही लागू किया गया।
ट्रंप ने भारत पर आरोप लगाया कि वह रूस से बड़ी मात्रा में तेल खरीदकर उससे उत्पाद बनाकर उन्हें वैश्विक बाजार में भारी मुनाफे पर बेच रहा है।
ट्रंप ने कहा:
"भारत न केवल रूसी तेल की भारी खरीद कर रहा है, बल्कि उस तेल से बने उत्पादों को ओपन मार्केट में बड़े मुनाफे पर बेच रहा है। उन्हें इस बात की कोई परवाह नहीं कि यूक्रेन में कितने लोग रूस की युद्ध मशीन के कारण मारे जा रहे हैं।" — उन्होंने यह बात Truth Social पर कही।
हालांकि भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि
"हमारे आयात बाज़ार आधारित होते हैं और 1.4 अरब भारतीयों की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से किए जाते हैं।"
With inputs from IANS