नई दिल्ली: इक्विटी म्यूचुअल फंड्स के अंतर्गत प्रबंधनाधीन संपत्ति (AUM) मई महीने में बढ़कर ₹72.2 लाख करोड़ हो गई, जो अप्रैल के करीब ₹70 लाख करोड़ से 4.85 प्रतिशत की वृद्धि है। यह जानकारी भारतीय म्यूचुअल फंड संघ (AMFI) के ताजा आंकड़ों से सामने आई है।
इस वृद्धि का मुख्य कारण बाजार का बेहतर प्रदर्शन रहा, क्योंकि मई में निफ्टी और सेंसेक्स ने मजबूत रिटर्न्स दिए।
सपिएंट फिनसर्व के फाउंडर डायरेक्टर अमित बिवालकर ने कहा, "बाजार की गति और SIP (सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) में निवेश की अनुशासित आदत AUM में बढ़ोतरी का समर्थन कर रही है।"
मई का AUM आंकड़ा अप्रैल की तुलना में भले ही मामूली बढ़त हो, लेकिन मई 2024 की तुलना में यह 12 प्रतिशत अधिक है।
ग्रोथ इनवेस्टिंग के संस्थापक और स्मॉलकेस मैनेजर नरेंद्र सिंह ने बताया, "ओपन-एंडेड स्कीमें निवेशकों के बीच अपनी लोकप्रियता बनाए हुए हैं, क्योंकि वे कुल AUM का 99.6 प्रतिशत हिस्सा रखती हैं।"
मई महीने में लगभग 11.3 लाख नए फोलियो जुड़े, जो म्यूचुअल फंड्स में नए निवेशकों की दिलचस्पी को दर्शाता है।
हालांकि मई में जुटाए गए कुल फंड्स अप्रैल के स्तर के लगभग बराबर ही रहे, लेकिन रिडेम्पशन (निकासी) में तेज उछाल देखने को मिला — ₹32,479 करोड़ से बढ़कर ₹37,591 करोड़, जो यह दर्शाता है कि कई निवेशकों ने हालिया बाजार लाभ का फायदा उठाते हुए मुनाफा बुक किया।
मई में इक्विटी बाजारों में तेजी जारी रही, लेकिन मुनाफा अपेक्षाकृत सीमित रहा, जिससे कुछ निवेशकों ने सतर्क रुख अपनाया।
मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के एसोसिएट डायरेक्टर हिमांशु श्रीवास्तव ने बताया,
"फ्लेक्सीकैप फंड्स में ₹3,841 करोड़ की शुद्ध आमद रही, जो यह दर्शाता है कि निवेशक ऐसे फंड्स को प्राथमिकता दे रहे हैं जिनमें बड़े, मिड और स्मॉल कैप स्टॉक्स में लचीलापन के साथ निवेश किया जा सकता है।"
स्मॉल-कैप फंड्स भी पीछे नहीं रहे और ₹3,214 करोड़ की शुद्ध आमद के साथ निवेशकों के बीच आकर्षण बनाए रखा।
हालांकि, अप्रैल की तुलना में स्मॉल-कैप और मिड-कैप फंड्स में निवेश की गति थोड़ी धीमी पड़ी है, जिससे यह संकेत मिलता है कि बाजार मूल्यांकन और वैश्विक अनिश्चितताओं को देखते हुए निवेशक थोड़ा सतर्क हो रहे हैं।
श्रीवास्तव ने आगाह किया,
"निवेशकों को स्मॉल और मिड-कैप सेगमेंट से जुड़े जोखिमों को समझना चाहिए और इनमें निवेश करते समय अपने जोखिम सहनशीलता और संपत्ति आवंटन रणनीति को ध्यान में रखना चाहिए। अति उत्साह में निवेश से बचना चाहिए।"
With inputs from IANS