मुंबई- भारत की सूचीबद्ध निजी क्षेत्र की गैर-वित्तीय कंपनियों ने वित्त वर्ष 2024-25 में बिक्री वृद्धि दर में मजबूती दर्ज की है। रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार, इन कंपनियों की बिक्री में 7.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जो पिछले वित्त वर्ष 2023-24 में 4.7 प्रतिशत रही थी।
आरबीआई के मुताबिक, विनिर्माण क्षेत्र की कंपनियों की बिक्री में 2024-25 में 6 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई, जबकि पिछले वर्ष यह दर 3.5 प्रतिशत थी। इस वृद्धि को मुख्य रूप से ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रिकल मशीनरी, खाद्य एवं पेय पदार्थ और फार्मा उद्योगों ने बढ़ावा दिया।
हालांकि, पेट्रोलियम, लौह एवं इस्पात उद्योगों की बिक्री में इस वर्ष गिरावट दर्ज की गई, जिसका कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतों में अस्थिरता और मांग में कमी रहा।
आईटी कंपनियों की बिक्री वृद्धि दर 2024-25 में 7.1 प्रतिशत रही, जो पिछले वर्ष 5.5 प्रतिशत थी। यह वृद्धि वैश्विक चुनौतियों के बावजूद दर्ज की गई।
गैर-आईटी सेवाओं से जुड़ी कंपनियों की बिक्री में दहाई अंकों की वृद्धि रही, जिसमें दूरसंचार, परिवहन, भंडारण सेवाएं और थोक एवं खुदरा व्यापार का योगदान अहम रहा।
आरबीआई का यह विश्लेषण 3,902 सूचीबद्ध गैर-सरकारी, गैर-वित्तीय कंपनियों के वित्तीय बयानों पर आधारित है।
बिक्री में तेजी के साथ विनिर्माण कंपनियों का कच्चे माल पर खर्च भी 2024-25 में 6.6 प्रतिशत बढ़ा। वहीं, कच्चे माल के खर्च का अनुपात बढ़कर 55.7 प्रतिशत हो गया, जो पिछले वर्ष 54.2 प्रतिशत था। इससे संकेत मिलता है कि इनपुट लागत में दबाव बना हुआ है।
स्टाफ लागत में भी वृद्धि देखी गई, जो विनिर्माण कंपनियों के लिए 10 प्रतिशत, आईटी कंपनियों के लिए 4.4 प्रतिशत और गैर-आईटी सेवा कंपनियों के लिए 12 प्रतिशत रही। हालांकि, स्टाफ लागत का बिक्री के अनुपात में विनिर्माण कंपनियों के लिए स्थिरता रही, जबकि सेवाओं से जुड़ी कंपनियों में इसमें कमी आई।
बढ़ती लागत के कारण विनिर्माण कंपनियों का परिचालन लाभ (ऑपरेटिंग प्रॉफिट) 2024-25 में घटकर 6 प्रतिशत रहा, जो पिछले वर्ष 12.4 प्रतिशत था।
सेवा क्षेत्र में गैर-आईटी कंपनियों का लाभ 15.9 प्रतिशत तक सीमित रहा, जबकि आईटी कंपनियों का लाभ मामूली बढ़कर 6.1 प्रतिशत पर पहुंचा।
2024-25 में परिचालन लाभ मार्जिन भी घटा। विनिर्माण कंपनियों के लिए यह 20 आधार अंकों की गिरावट के साथ 14.2 प्रतिशत रहा, जबकि आईटी कंपनियों के लिए यह 80 आधार अंकों की गिरावट के साथ 21.9 प्रतिशत पर आ गया।
हालांकि, समग्र रूप से कंपनियों की वित्तीय स्थिति मजबूत बनी रही। ब्याज सेवा करने की क्षमता को दर्शाने वाला इंटरेस्ट कवरेज रेशियो मुख्य क्षेत्रों में बेहतर हुआ।
With inputs from IANS