सरकार की कमाई मई तक बजट अनुमान 2025-26 के 21 फीसदी पर पहुंचीBy Admin Tue, 01 July 2025 04:10 AM

नई दिल्ली- वित्त मंत्रालय द्वारा सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष में मई तक केंद्र सरकार की कुल कमाई ₹7,32,963 करोड़ रही, जो बजट अनुमान 2025-26 के कुल प्राप्तियों का 21 फीसदी है। यह देश की मजबूत वित्तीय स्थिति को दर्शाता है।

सरकार की इस कमाई में ₹3,50,862 करोड़ कर राजस्व (केंद्र के हिस्से का शुद्ध कर संग्रह), ₹3,56,877 करोड़ गैर-कर राजस्व और ₹25,224 करोड़ गैर-ऋण पूंजीगत प्राप्तियां शामिल हैं।

मंत्रालय के मुताबिक, इस अवधि में केंद्र ने राज्यों को उनके हिस्से के करों में ₹1,63,471 करोड़ हस्तांतरित किए हैं, जो पिछले साल की तुलना में ₹23,720 करोड़ अधिक है।

इस दौरान केंद्र सरकार का कुल व्यय ₹7,46,126 करोड़ रहा, जो बजट अनुमान 2025-26 का 14.7 फीसदी है। इसमें से ₹5,24,772 करोड़ राजस्व खर्च और ₹2,21,354 करोड़ पूंजीगत व्यय है, जो मुख्य रूप से हाईवे, बंदरगाह और रेलवे क्षेत्रों की परियोजनाओं पर किया गया।

राजस्व व्यय में ₹1,47,788 करोड़ ब्याज भुगतान और ₹51,253 करोड़ प्रमुख सब्सिडी पर खर्च किए गए।

वित्त मंत्रालय ने बताया कि वित्त वर्ष 2025-26 की शुरुआत तेजी से हुई है और अप्रैल-मई 2025 के आंकड़े दिखाते हैं कि राजस्व प्राप्तियां पहले ही बजट लक्ष्य का 21 फीसदी तक पहुंच चुकी हैं। ऐसे में सरकार के अपने वार्षिक राजस्व लक्ष्यों को हासिल करने की संभावना मजबूत है।

बैंक ऑफ बड़ौदा की एक रिपोर्ट के अनुसार, देश में उभरती मजबूत वित्तीय स्थिति को देखते हुए सरकार के पास रक्षा जैसे अप्रत्याशित खर्चों के लिए अतिरिक्त वित्तीय गुंजाइश बन सकती है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2025-26 के लिए सरकार ने 4.4 फीसदी राजकोषीय घाटे का लक्ष्य रखा है, जो 10.1 फीसदी नाममात्र जीडीपी वृद्धि के आधार पर तय किया गया है।

बैंक का अनुमान है कि वास्तविक जीडीपी वृद्धि 6.4 से 6.6 फीसदी के बीच रहेगी, जिससे कुल नाममात्र जीडीपी वृद्धि करीब 11 फीसदी हो सकती है। इससे सरकार के पास अतिरिक्त वित्तीय स्थान मिलेगा।

आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि इनकम टैक्स में कटौती से उपभोग में तेजी आएगी, जिससे अप्रत्यक्ष कर संग्रह को भी बढ़ावा मिलेगा।

खर्च के मोर्चे पर भी सरकार ने पिछली परंपरा को जारी रखते हुए पहली तिमाही में ही बड़े पैमाने पर अग्रिम पूंजीगत व्यय शुरू कर दिया है। अब तक पूंजीगत खर्च 2.2 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो चुका है, जो काफी प्रभावशाली है।

 

With inputs from IANS