नई दिल्ली — अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा बांग्लादेश पर 35 प्रतिशत टैरिफ (शुल्क) लगाने की घोषणा के बाद मंगलवार सुबह के कारोबार में भारतीय कपड़ा कंपनियों के शेयरों में जोरदार तेजी देखी गई।
ट्राइडेंट, वेलस्पन, गोकलदास एक्सपोर्ट्स, केपीआर मिल, वर्धमान टेक्सटाइल्स और अरविंद लिमिटेड जैसी कंपनियों के शेयरों में शुरुआती कारोबार में उछाल आया।
गोकलदास एक्सपोर्ट्स के शेयरों में 7 प्रतिशत से अधिक, वर्धमान टेक्सटाइल्स में 7.4 प्रतिशत, जबकि वेलस्पन लिविंग के शेयरों में 2 प्रतिशत की तेजी देखी गई।
राष्ट्रपति ट्रंप ने बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस को भेजे गए एक पत्र में कहा कि 1 अगस्त 2025 से अमेरिका में बांग्लादेशी उत्पादों पर 35 प्रतिशत टैरिफ लगाया जाएगा, जो सभी सेक्टोरल टैरिफ से अलग होगा।
उन्होंने पत्र में लिखा,
“कृपया समझें कि यह 35 प्रतिशत शुल्क उस व्यापार घाटे को संतुलित करने के लिए पर्याप्त नहीं है जो अमेरिका को आपके देश के साथ हो रहा है।”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यदि कोई माल ट्रांसशिपिंग के माध्यम से अधिक शुल्क से बचता है, तो उस पर वही ऊंचा शुल्क लागू होगा।
ट्रंप ने चेतावनी दी कि अगर बांग्लादेश अपनी तरफ से टैरिफ बढ़ाता है, तो उतना ही प्रतिशत अमेरिका के 35 प्रतिशत शुल्क में जोड़ दिया जाएगा।
उन्होंने कहा,
“इन टैरिफ का उद्देश्य बांग्लादेश की वर्षों पुरानी टैरिफ, गैर-टैरिफ नीतियों और व्यापार अवरोधों को ठीक करना है, जिनके कारण अमेरिका को असहनीय व्यापार घाटा हुआ है। यह घाटा अमेरिका की अर्थव्यवस्था और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है।”
ट्रंप ने आगे कहा कि यदि बांग्लादेश अपने बंद व्यापार बाजार को अमेरिका के लिए खोलने को तैयार होता है, और टैरिफ एवं गैर-टैरिफ नीतियों को समाप्त करता है, तो “हम इस पत्र में संशोधन करने पर विचार कर सकते हैं।”
उन्होंने स्पष्ट किया कि ये टैरिफ अमेरिका और बांग्लादेश के रिश्तों पर निर्भर करते हुए आगे बढ़ भी सकते हैं और घट भी सकते हैं।
अमेरिकी रेडीमेड परिधान बाज़ार में वियतनाम की हिस्सेदारी 19 प्रतिशत है, जबकि बांग्लादेश की हिस्सेदारी 9 प्रतिशत है।
ट्रंप ने जापान और दक्षिण कोरिया से आने वाले माल पर पहले ही 25 प्रतिशत टैरिफ लगाया है। इसके अलावा 12 अन्य देशों को भी टैरिफ से जुड़ी चेतावनी पत्र भेजे गए हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि “भारत के साथ एक व्यापार समझौता बहुत करीब है।”
With inputs from IANS