भारत की चाय निर्यात में 2.85% की वृद्धि, 2024-25 में 257 मिलियन किलोग्राम के पार पहुंचा आंकड़ाBy Admin Sun, 20 July 2025 08:44 AM

नई दिल्ली — भारत की चाय निर्यात में वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान 2.85 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है, जो देश की उच्च गुणवत्ता वाली चाय की लगातार दूसरी वर्ष मजबूत मांग को दर्शाता है। यह जानकारी टी बोर्ड द्वारा जारी आंकड़ों से मिली है।

आंकड़ों के अनुसार, देश से चाय का निर्यात 250.73 मिलियन किलोग्राम से बढ़कर 257.88 मिलियन किलोग्राम हो गया है।

उत्तर भारत से चाय निर्यात में खासा उछाल देखा गया, जहां 2023-24 के 149.05 मिलियन किलोग्राम की तुलना में 2024-25 में 161.20 मिलियन किलोग्राम चाय निर्यात हुई — यानी 8.15 प्रतिशत की वृद्धि।

निर्यात मूल्य की बात करें तो चाय का मूल्य प्रति किलोग्राम ₹290.97 रहा, जो कि 2023-24 के ₹258.30 की तुलना में 12.65 प्रतिशत की बढ़त है। इससे चाय उत्पादकों को बेहतर लाभ मिला है।

जनवरी से दिसंबर 2024 के कैलेंडर वर्ष के दौरान भारत का चाय निर्यात 256.17 मिलियन किलोग्राम रहा, जो पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में 10.57 प्रतिशत अधिक है।

उत्तर भारत से कैलेंडर वर्ष 2024 में 155.49 मिलियन किलोग्राम, जबकि दक्षिण भारत से 100.68 मिलियन किलोग्राम चाय निर्यात हुई। यह क्रमशः 10.28% और 11.02% की वृद्धि को दर्शाता है।

भारत दुनिया के शीर्ष 5 चाय निर्यातकों में शामिल है और विश्व के कुल चाय निर्यात का लगभग 10 प्रतिशत भारत से होता है। असम, दार्जिलिंग और नीलगिरि की चाय को दुनिया की सर्वश्रेष्ठ चाय में गिना जाता है।

भारत से निर्यात होने वाली चाय में ब्लैक टी का हिस्सा लगभग 96 प्रतिशत है। इसके अलावा रेगुलर टी, ग्रीन टी, हर्बल टी, मसाला चाय और लेमन टी जैसी वैरायटी भी निर्यात की जाती हैं।

भारत 25 से अधिक देशों को चाय निर्यात करता है, जिनमें संयुक्त अरब अमीरात (UAE), इराक, ईरान, रूस, अमेरिका और ब्रिटेन प्रमुख बाजार हैं।

सरकार ने चाय उत्पादन बढ़ाने, भारतीय चाय को अंतरराष्ट्रीय बाजार में एक ब्रांड के रूप में स्थापित करने और चाय उद्योग से जुड़े परिवारों के कल्याण के लिए कई पहलें की हैं।

असम में असम घाटी और कछार, जबकि पश्चिम बंगाल में डुआर्स, तराई और दार्जिलिंग प्रमुख चाय उत्पादक क्षेत्र हैं। दक्षिण भारत का हिस्सा कुल चाय उत्पादन में लगभग 17 प्रतिशत है, जिसमें तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक प्रमुख राज्य हैं।

छोटे चाय उत्पादक (Small Tea Growers - STGs) इस क्षेत्र का उभरता हुआ वर्ग हैं, जो देश के कुल उत्पादन में लगभग 52 प्रतिशत का योगदान करते हैं। वर्तमान में लगभग 2.30 लाख छोटे चाय उत्पादक इस आपूर्ति श्रृंखला का हिस्सा हैं।

केंद्र सरकार द्वारा टी बोर्ड के माध्यम से इस वर्ग के लिए कई उपाय किए गए हैं, जैसे कि

  • 352 स्वयं सहायता समूह (SHGs)

  • 440 किसान उत्पादक संगठन (FPOs)

  • 17 किसान उत्पादक कंपनियों (FPCs) का गठन।

टी बोर्ड द्वारा गुणवत्ता वाली पत्तियों की तुड़ाई, क्षमता निर्माण और भीड़ के मौसम की फसल प्रबंधन के लिए STGs के साथ विभिन्न इंटरैक्शन आयोजित किए जाते हैं। इसके अलावा, प्रूनिंग मशीनें और मैकेनिकल हार्वेस्टर खरीदने के लिए सहायता भी दी गई है।

मिनी टी फैक्ट्री स्थापित कर बेरोजगार युवाओं और उद्यमियों को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है।

भारतीय चाय उद्योग में लगभग 1.16 मिलियन लोग प्रत्यक्ष रूप से कार्यरत हैं, जबकि उतने ही लोग परोक्ष रूप से इस क्षेत्र से जुड़े हुए हैं।

 

With inputs from IANS