रांची — झारखंड हाईकोर्ट ने शुक्रवार को राज्य सरकार को जमकर फटकार लगाई क्योंकि पिछले वर्ष स्पष्ट निर्देश दिए जाने के बावजूद भी नगर निकाय चुनाव अब तक नहीं कराए गए हैं।
कोर्ट ने इस लापरवाही पर नाराज़गी जाहिर करते हुए मुख्य सचिव को अगली सुनवाई में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का आदेश दिया।
यह आदेश रांची नगर निगम की निवर्तमान पार्षद रोशनी खलखो द्वारा दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई के दौरान आया।
कोर्ट ने राज्य सरकार के रवैये की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि यह “कानून के राज का खुला उल्लंघन” है और राज्य में “संवैधानिक तंत्र ठप” होता दिखाई दे रहा है।
4 जनवरी 2024 को जस्टिस आनंदा सेन की पीठ ने तीन सप्ताह के भीतर सभी नगर निकायों के चुनाव कराने का आदेश दिया था, लेकिन सरकार ने अब तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं की।
याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता विनोद सिंह ने अदालत से आग्रह किया कि राज्य सरकार के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू की जाए।
कोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए अगली सुनवाई आगामी शुक्रवार को निर्धारित की और मुख्य सचिव को स्पष्टीकरण के लिए तलब किया।
झारखंड के सभी शहरी निकायों का कार्यकाल अप्रैल 2023 में समाप्त हो चुका है। सरकार ने ओबीसी आरक्षण तय करने के लिए ‘ट्रिपल टेस्ट’ प्रक्रिया शुरू की थी, जो एक साल बाद भी अधूरी है।
इस कारण सभी नगर निगमों, नगर परिषदों और नगर पंचायतों की बागडोर प्रशासकों के हाथों में है और चुने हुए जनप्रतिनिधि पिछले दो वर्षों से स्थानीय शासन में निष्क्रिय हैं।
With inputs from IANS