नई दिल्ली — विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) दक्षिण-पूर्व एशिया की क्षेत्रीय निदेशक सैमा वाज़ेद ने कहा है कि योग केवल शारीरिक कसरत नहीं, बल्कि यह आत्मिक शांति और जीवन में संतुलन लाने का मार्ग है।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस, जो हर साल 21 जून को मनाया जाता है, इस बार “एक धरती, एक स्वास्थ्य के लिए योग” थीम के साथ मनाया जा रहा है।
वाज़ेद ने कहा, “योग हमें अपने शरीर की सुनने, ध्यानपूर्वक जीवन जीने और प्रकृति के साथ जुड़ने की प्रेरणा देता है। यह हमें भीतर से संतुलित बनाता है।”
उन्होंने कहा कि आज के समय में जब पर्यावरणीय संकट गहराते जा रहे हैं, योग एक ऐसा साधन है जो सादगी से जीने, जिम्मेदारी से संसाधन उपयोग करने और प्रकृति के प्रति सम्मान विकसित करने का रास्ता दिखाता है।
“योग अपनाने से न केवल हम अपना पर्यावरणीय प्रभाव घटा सकते हैं, बल्कि धरती को भी अधिक स्वस्थ बना सकते हैं,” उन्होंने कहा।
वाज़ेद ने बताया कि योग स्वच्छ हवा, साफ पानी और उपजाऊ मिट्टी की रक्षा के लिए भी प्रेरित करता है — ये सभी तत्व हमारे स्वास्थ्य के लिए जरूरी हैं।
उन्होंने कुछ शोधों का हवाला देते हुए बताया कि नियमित योग करने वाले 77% लोग खुद को अधिक ताकतवर महसूस करते हैं, और छह सप्ताह के भीतर पुराने रोगियों की सूजन में 50% तक की कमी देखी गई है।
मानसिक स्वास्थ्य पर भी योग के सकारात्मक असर सिद्ध हुए हैं। हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के एक अध्ययन में पाया गया कि अवसाद से जूझ रहे 60% लोगों को आठ सप्ताह तक योग करने से लक्षणों में उल्लेखनीय राहत मिली।
अंत में उन्होंने कहा, “योग दिवस पर हमें यह याद रखना चाहिए कि हर सांस प्रकृति का उपहार है और हर जागरूक क्षण हमें एक बेहतर कल की ओर ले जाता है। आइए हम तन, मन और प्रकृति में सामंजस्य स्थापित करें।”