कोलकाता के खिदिरपुर में भीषण आग, 1,000 से अधिक दुकानें जलकर खाकBy Admin Mon, 16 June 2025 07:07 AM

कोलकाता — पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के दक्षिणी हिस्से खिदिरपुर में सोमवार तड़के एक भीषण आग लग गई, जिसमें 1,300 से अधिक दुकानें जलकर खाक हो गईं। राहत की बात यह है कि अब तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।

मौके पर दमकल की 20 गाड़ियाँ आग बुझाने में जुटी हुई हैं। राज्य अग्निशमन सेवा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि आग पर काफी हद तक काबू पा लिया गया है और अब इसकी आगे फैलने की संभावना नहीं है।

हालांकि, अग्निशमन कर्मियों के सामने अब सबसे बड़ी चुनौती 'हिडन फायर पॉकेट्स' यानी छिपी हुई आग की जगहों की पहचान कर उन्हें बुझाना है। अधिकारी ने कहा कि जैसे ही इन छिपी आग की जेबों पर काबू पा लिया जाएगा, कूलिंग प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

स्थानीय लोगों का आरोप है कि यदि दमकल की गाड़ियाँ समय पर पहुंच जातीं, तो आग इस कदर भयावह रूप नहीं लेती। हालांकि, राज्य के अग्निशमन सेवा मंत्री सुझीत बोस, जो सुबह ही घटनास्थल पर पहुंचे, इन आरोपों को खारिज कर दिया।

उन्होंने कहा, “यह बेबुनियाद आरोप है। चूंकि यहां बड़ी संख्या में दमकल गाड़ियों की जरूरत थी, इसलिए वे वॉटगंज और गार्डनरीच जैसे विभिन्न स्थानों से बुलाई गईं। हमारे अग्निशमन कर्मी अपनी जान जोखिम में डालकर स्थिति को नियंत्रण में लाने की कोशिश कर रहे हैं। साथ ही, दुकानदारों ने भी आग से सुरक्षा के नियमों को गंभीरता से नहीं लिया। मैं किसी को दोष नहीं दे रहा, लेकिन इस मामले की जांच ज़रूर होगी।”

वहीं दूसरी ओर, स्थानीय व्यापारियों ने मंत्री के दावों को खारिज किया है। एक दुकानदार ने कहा, “पहले तो दमकल गाड़ियाँ देर से आईं। जो पहले आईं, उनमें पर्याप्त पानी नहीं था। फिर पास ही बहती गंगा नदी से पानी खींचने की व्यवस्था की गई, जिससे काफी देर हो गई।”

प्राप्त जानकारी के अनुसार, आग सबसे पहले रात करीब 2 बजे देखी गई। स्थानीय लोगों ने तुरंत राज्य अग्निशमन सेवा के कंट्रोल रूम को सूचना दी और आग बुझाने की शुरुआती कोशिशें भी खुद शुरू कीं। लेकिन बाजार क्षेत्र काफी संकरी और भीड़-भाड़ वाली जगह में होने के कारण आग तेजी से फैल गई, और कुछ ही समय में पूरे बाजार को अपनी चपेट में ले लिया।

दमकल विभाग के अधिकारी ने बताया कि सौभाग्य से आग उस समय लगी जब बाजार में ज्यादा लोग मौजूद नहीं थे। उन्होंने कहा, “अगर यह हादसा दिन में हुआ होता, तो कई जानें जा सकती थीं। हालांकि, संपत्ति और माल के नुकसान का आंकड़ा काफी बड़ा हो सकता है।”

 

With inputs from IANS