प्रधानमंत्री मोदी विशाखापत्तनम से करेंगे 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का नेतृत्वBy Admin Fri, 20 June 2025 04:19 PM

नई दिल्ली — 21 जून 2025 को 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (IDY) को भव्य रूप से मनाने की तैयारियाँ पूरी हो चुकी हैं। इस ऐतिहासिक अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम से कॉमन योगा प्रोटोकॉल (CYP) का अभ्यास करते हुए देशव्यापी कार्यक्रम का नेतृत्व करेंगे। मुख्य आयोजन स्थल पर तीन लाख से अधिक लोग उनके साथ योग करेंगे।

इस आयोजन में केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) एवं स्वास्थ्य व परिवार कल्याण राज्यमंत्री प्रतापराव जाधव और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू भी शामिल होंगे। यह प्रदर्शन भारत की वैश्विक "वेलनेस विज़न" को दर्शाएगा।

योग संगम पहल के तहत यह कार्यक्रम देशभर के 10 लाख से अधिक स्थानों पर एक साथ आयोजित किया जाएगा। सुबह 6:30 से 7:45 बजे तक होने वाले इस सामूहिक योग प्रदर्शन में देश के कोने-कोने से अभूतपूर्व भागीदारी की उम्मीद है।

राज्य स्तर पर, आंध्र प्रदेश में एक लाख से अधिक स्थानों पर आयोजित योग कार्यक्रमों में दो करोड़ से अधिक प्रतिभागियों की भागीदारी का अनुमान है। इसी के साथ राज्य सरकार गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने की दिशा में प्रयासरत है। साथ ही, आंध्र सरकार की ओर से 50 लाख से अधिक प्रतिभागियों को योग प्रमाण पत्र दिए जाएंगे, जिससे यह योग दिवस भारत की स्वास्थ्य यात्रा का एक ऐतिहासिक अध्याय बन जाएगा।

विशाखापत्तनम में आयोजित कार्यक्रमों की शुरुआत शुक्रवार को आंध्र यूनिवर्सिटी में एक अनोखे सूर्य नमस्कार कार्यक्रम से हुई, जिसमें लगभग 25,000 आदिवासी बच्चों ने 108 मिनट में 108 सूर्य नमस्कार किए। यह पहल न केवल उत्साहपूर्ण भागीदारी दर्शाती है, बल्कि योग के जमीनी स्तर तक विस्तार का भी प्रतीक है।

दिल्ली भी इस राष्ट्रीय उत्सव में पूरे जोश के साथ भाग लेगी। राजधानी में 109 स्थानों पर योग कार्यक्रम आयोजित होंगे, जिनमें ऐतिहासिक लाल किले पर आयोजित विशेष कार्यक्रम प्रमुख होगा।

लाल किला कार्यक्रम आयुष मंत्रालय और ब्रह्मा कुमारी संस्थान द्वारा मोरेराजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के सहयोग से आयोजित होगा। इस वर्ष की थीम “एक धरती, एक स्वास्थ्य के लिए योग” है, जो मानव और पर्यावरणीय स्वास्थ्य के आपसी संबंध को रेखांकित करती है।

प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर सभी ग्राम प्रधानों को पत्र लिखकर कहा,
“यह गर्व की बात है कि योग ने न केवल भारत में, बल्कि पूरी दुनिया में लोगों के जीवन को सकारात्मक रूप से बदला है।”

जैसा कि पूर्ववर्ती योग दिवसों में देखा गया है, प्रधानमंत्री का संदेश ग्राम पंचायतों को नई ऊर्जा देता है, जिससे पंचायतों, आंगनवाड़ियों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में योग गतिविधियों में भारी वृद्धि देखी जाती है।

IDY 2025 के तहत 10 विशिष्ट कार्यक्रमों की शुरुआत की गई है, जिनका उद्देश्य अधिक से अधिक लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करना है। इन कार्यक्रमों को देश-विदेश से अभूतपूर्व प्रतिसाद मिला है। योग पोर्टल पर अब तक 11 लाख से अधिक संगठनों ने पंजीकरण किया है, जबकि लक्ष्य केवल 1 लाख था। राजस्थान सबसे आगे है, जहां 2.25 लाख से अधिक पंजीकरण हुए हैं।

10 प्रमुख कार्यक्रम इस प्रकार हैं:

  1. योग संगम: 1 लाख से अधिक स्थानों पर सामूहिक योग प्रदर्शन
  2. योग बंधन: अंतरराष्ट्रीय सहयोग और योग प्रतिनिधिमंडल का आदान-प्रदान
  3. हरित योग: योग के साथ पर्यावरणीय कार्य जैसे वृक्षारोपण और सफाई
  4. योग पार्क: सार्वजनिक पार्कों को योग केंद्रों में परिवर्तित करना
  5. योग समावेश: विशेष समूहों के लिए अनुकूलित योग प्रोटोकॉल
  6. योग प्रभाव: योग दिवस के 10 वर्षों का प्रभाव और सामाजिक विश्लेषण
  7. योग कनेक्ट: 14 जून को वैश्विक ऑनलाइन योग सम्मेलन
  8. योग अनप्लग्ड: युवाओं को केंद्र में रखकर तकनीक व परंपरा का मेल
  9. योग महाकुंभ: योग की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्ता पर आधारित भव्य आयोजन
  10. संयोग: आधुनिक चिकित्सा में योग के प्रमाण आधारित समावेशन का प्रदर्शन

यह दशकीय उत्सव भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों, विभागों, राज्य सरकारों, नगर निकायों और विदेशों में भारतीय दूतावासों के संयुक्त प्रयास से समन्वित रूप से आयोजित किया जा रहा है।

पिछले कई हफ्तों से देशभर में योग शिविर, विशेष अभियान, और प्रतियोगिताएं आयोजित की जा रही हैं। विदेशों में भारतीय दूतावास और सांस्कृतिक केंद्र भी योग के प्रचार-प्रसार में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।

पिछले 10 वर्षों की मजबूत नींव और सभी क्षेत्रों से मिल रही भागीदारी के चलते IDY 2025 भारत की वेलनेस यात्रा का एक ऐतिहासिक मोड़ साबित होने जा रहा है।
संदेश स्पष्ट है — योग भारत की ओर से दुनिया को उपहार ही नहीं, बल्कि एक स्वस्थ, संतुलित और टिकाऊ भविष्य की राह भी है।

 

With inputs from IANS