किसानों से पानी शुल्क वसूलने की खबरों को केंद्र सरकार ने किया खारिजBy Admin Sat, 28 June 2025 07:58 AM

नई दिल्ली- केंद्र सरकार ने शनिवार को उन मीडिया रिपोर्ट्स को पूरी तरह खारिज कर दिया, जिनमें कहा गया था कि ‘कमान्ड एरिया डेवलपमेंट एंड वाटर मैनेजमेंट योजना’ (MCAD योजना) के तहत किसानों से पानी के इस्तेमाल पर शुल्क वसूला जाएगा।

जल शक्ति मंत्रालय के अधीन जल संसाधन, नदी विकास और गंगा पुनर्जीवन विभाग ने एक आधिकारिक बयान में कहा, “कुछ मीडिया संस्थानों द्वारा यह भ्रामक और गलत रिपोर्टिंग की गई है कि भारत सरकार की नई योजना के तहत किसानों से पानी के उपयोग पर शुल्क लिया जाएगा। यह पूरी तरह से गलत और निराधार है।”

बयान में स्पष्ट किया गया कि यह पायलट परियोजना प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY) के तहत ‘कमान्ड एरिया डेवलपमेंट एंड वाटर मैनेजमेंट (MCADWM) योजना’ के आधुनिकीकरण से जुड़ी है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य सिंचाई दक्षता बढ़ाना, पानी का समान वितरण सुनिश्चित करना और आधुनिक तकनीकों जैसे प्रेसराइज्ड पाइपलाइन नेटवर्क, आईओटी डिवाइस और SCADA सिस्टम का इस्तेमाल करके जल प्रबंधन को प्रभावी और पारदर्शी बनाना है।

सरकार ने स्पष्ट किया कि इस योजना के तहत किसानों पर पानी उपयोग शुल्क लगाने का कोई प्रावधान नहीं है और न ही भारत सरकार की ओर से ऐसा कोई निर्देश जारी किया गया है।

बयान में कहा गया कि हाल ही में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यह मुद्दा कई बार मीडिया के सदस्यों द्वारा उठाया गया था, जिस पर जल शक्ति मंत्री सी. आर. पाटिल ने स्पष्ट रूप से जवाब देते हुए कहा था कि किसानों पर पानी के उपयोग के लिए कोई शुल्क अनिवार्य नहीं है।

इसके साथ ही मंत्रालय ने दोहराया कि भारतीय संविधान के अनुसार ‘कृषि’ और ‘जल’ राज्य सरकारों के विषय हैं। इसलिए, यदि किसी राज्य सरकार द्वारा जल उपभोक्ता संघों (Water User Associations) या लाभार्थियों से किसी प्रकार का शुल्क लिया जाता है, तो यह निर्णय पूरी तरह से संबंधित राज्य सरकार की नीति पर निर्भर करेगा।

मंत्रालय ने मीडिया सहित सभी हितधारकों से अपील की कि किसी भी खबर के प्रकाशन से पहले तथ्यों की जांच अवश्य करें ताकि किसानों के बीच अनावश्यक भ्रम या घबराहट न फैले।

 

With inputs from IANS