नई दिल्ली- बिहार में विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले पटना में जाने-माने व्यवसायी और मगध अस्पताल के मालिक गोपाल खेमका की निर्मम हत्या ने सूबे की सियासत में भूचाल ला दिया है।
यह वारदात शुक्रवार देर रात पटना के पॉश गांधी मैदान इलाके में उनके आवास के पास हुई, जिसके बाद विपक्ष ने राज्य में कानून व्यवस्था को लेकर सरकार पर जोरदार हमला बोला।
राजद नेता तेजस्वी यादव ने सरकार पर मीडिया प्रबंधन के जरिए बिगड़ती सुरक्षा व्यवस्था को छिपाने का आरोप लगाया।
उन्होंने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा, "पटना में थाने से कुछ कदम की दूरी पर बिहार के बड़े व्यवसायी की हत्या कर दी गई! हर महीने सैकड़ों व्यवसायियों की हत्या हो रही है, लेकिन इसे जंगलराज नहीं कह सकते? क्योंकि इसे शास्त्रों में मीडिया मैनेजमेंट, परसेप्शन मैनेजमेंट और इमेज मैनेजमेंट कहते हैं।"
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, शुक्रवार रात करीब 11:40 बजे अज्ञात बाइक सवार बदमाशों ने होटल पनाश के पास कार से उतरते समय खेमका पर ताबड़तोड़ गोलियां चला दीं।
पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने विपक्ष का समर्थन करते हुए मामले की सीबीआई जांच की मांग की।
उन्होंने आईएएनएस से कहा, "हम सब विपक्ष के साथ हैं। कांग्रेस पार्टी और हमारे प्रभारी के निर्देश पर 9 जुलाई को हम गरीबों पर हो रहे हमलों और बढ़ती गरीबी का मुद्दा चुनाव आयोग के सामने उठाएंगे। इस घटना को लेकर हम गोपाल खेमका की हत्या की सीबीआई जांच की मांग करते हैं।"
राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने इस घटना को "अपराधराज" का प्रमाण करार दिया।
उन्होंने आईएएनएस से कहा, "यह बहुत ही दुखद घटना है। बिहार के प्रतिष्ठित व्यवसायी गोपाल खेमका की कल रात उनके आवास के पास पटना में गोली मारकर हत्या कर दी गई। बिहार में अब अपराधियों का शासन स्थापित हो चुका है। घटना के दो घंटे बाद पुलिस पहुंचती है। जो लोग जंगलराज की बात करते हैं, उनसे और प्रधानमंत्री जी से पूछना चाहता हूं कि इसे किस राज का नाम देंगे? बिहार में अपराधियों को संरक्षण दिया जा रहा है। अपराधियों के हौसले बुलंद हैं। अपराधी खुश हैं, पुलिस प्रशासन दुखी है।"
जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने घटना की गंभीरता स्वीकार करते हुए राज्य सरकार का बचाव किया।
उन्होंने कहा, "गोपाल खेमका एक बड़े उद्योगपति थे। पटना के गांधी मैदान इलाके में उनकी नृशंस हत्या बेहद चौंकाने वाली है। चाहे कोई भी पीड़ित हो, हत्या कानून-व्यवस्था के लिए चुनौती है। बिहार के डीजीपी ने खुद मामले को गंभीरता से लेते हुए सिटी एसपी सेंट्रल के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया है। एसआईटी हर पहलू की जांच कर रही है।"
वहीं, गोपाल खेमका के परिजनों ने पुलिस पर घोर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनके भाई शंकर खेमका ने कहा, "पुलिस अधिकारी घटना के लगभग तीन घंटे बाद रात करीब 2:30 बजे मौके पर पहुंचे। गोपाल घर लौट रहे थे, तभी बदमाशों ने फायरिंग कर दी। ठीक वैसे ही, जैसे 2018 में उनके बेटे पर हमला हुआ था।"
With inputs from IANS