PM मोदी ने BRICS देशों से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जिम्मेदार उपयोग पर जोर दियाBy Admin Mon, 07 July 2025 06:09 AM

ब्रासीलिया- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने BRICS देशों से आह्वान किया है कि वे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के जिम्मेदार और संतुलित उपयोग के लिए मिलकर प्रयास करें। उन्होंने नवाचार और बेहतर शासन के बीच संतुलन बनाए रखने की आवश्यकता पर विशेष जोर दिया।

PM मोदी ने यह बात 17वें BRICS शिखर सम्मेलन के दौरान "बहुपक्षवाद, आर्थिक-वित्तीय मामलों और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को मजबूत करने" पर आयोजित आउटरिच सत्र में कही। उन्होंने कहा कि BRICS देशों के भीतर समावेशी और नैतिक रूप से संचालित AI ढांचा तैयार किया जाना चाहिए।

विदेश मंत्रालय के सचिव (आर्थिक संबंध) डम्मू रवि के अनुसार, PM मोदी ने कहा कि BRICS को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि AI के शासन में नवाचार के साथ-साथ सुरक्षा और नैतिकता को प्राथमिकता दी जाए।

प्रधानमंत्री ने कहा, "भारत में हम AI को मानव मूल्यों और क्षमताओं को बढ़ाने का एक उपकरण मानते हैं।" उन्होंने यह भी बताया कि भारत 'AI for All' (सभी के लिए AI) के मंत्र पर काम कर रहा है, और देश के कई क्षेत्रों में इसका सक्रिय उपयोग हो रहा है।

इस सत्र में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भी हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि AI का फायदा सभी को मिलना चाहिए, खासतौर पर विकासशील देशों को। गुटेरेस ने चेतावनी दी कि AI सिर्फ कुछ चुनिंदा देशों या समूहों का विशेषाधिकार नहीं बनना चाहिए।

उन्होंने कहा, "हम AI का प्रभावी और न्यायसंगत तरीके से संचालन तब तक नहीं कर सकते, जब तक वैश्विक व्यवस्था में मौजूद संरचनात्मक असंतुलन को नहीं सुधारा जाता।" उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद जैसे वैश्विक संस्थानों में सुधार की आवश्यकता पर भी बल दिया।

गुटेरेस ने कहा कि आज की दुनिया बहुध्रुवीय (मल्टीपोलर) बन चुकी है, इसलिए सुरक्षा परिषद और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों समेत सभी वैश्विक शासन तंत्रों में आधुनिक वास्तविकताओं के अनुरूप बदलाव जरूरी हैं।

सत्र के दौरान PM मोदी ने भारत के बहुध्रुवीय दुनिया में विश्वास को दोहराया और कहा कि BRICS इस नई व्यवस्था को आकार देने में अहम भूमिका निभा सकता है।

सत्र के बारे में जानकारी देते हुए सचिव डम्मू रवि ने कहा, "प्रधानमंत्री ने कहा कि विविधता और बहुध्रुवीयता BRICS की सबसे बड़ी ताकत हैं। BRICS एक बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था के निर्माण में अहम भूमिका निभा सकता है।"

PM मोदी ने BRICS के तहत कुछ अहम सुझाव भी दिए, जिनमें ग्लोबल साउथ देशों के सहयोग से विज्ञान और अनुसंधान का साझा भंडार (Repository) बनाने का प्रस्ताव शामिल है, ताकि महत्वपूर्ण खनिज आपूर्ति श्रृंखला की सुरक्षा और मजबूती सुनिश्चित की जा सके। इसके साथ ही BRICS देशों को जिम्मेदार AI के विकास पर भी काम करने का सुझाव दिया।

महत्वपूर्ण खनिजों की आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करने वाला यह प्रस्ताव खासतौर पर ग्लोबल साउथ देशों के हित में होगा।

भारत वर्ष 2026 में BRICS की अध्यक्षता करेगा और 'AI इम्पैक्ट समिट' की मेजबानी करेगा। PM मोदी ने BRICS देशों को इस AI शिखर सम्मेलन में भाग लेने का आमंत्रण भी दिया।

 

With inputs from IANS