बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण के दौरान नेपाल, बांग्लादेश और म्यांमार के नागरिक मिले: सूत्रBy Admin Sun, 13 July 2025 05:49 AM

नई दिल्ली: बिहार में चल रहे विशेष गहन मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान (SIR) के दौरान बड़ी संख्या में नेपाल, बांग्लादेश और म्यांमार के नागरिकों के नाम मतदाता सूची में दर्ज पाए गए हैं। यह जानकारी निर्वाचन आयोग (ECI) से जुड़े सूत्रों ने दी है।

सूत्रों के अनुसार, बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) द्वारा किए गए घर-घर सर्वेक्षण के दौरान ये विदेशी नागरिक मिले हैं, जिनके नाम अभी मतदाता सूची में दर्ज हैं।

सूत्रों ने यह भी बताया कि इन नामों को 1 अगस्त 2025 के बाद जांच के उपरांत अंतिम मतदाता सूची में शामिल नहीं किया जाएगा, जो 30 सितंबर 2025 को प्रकाशित की जानी है।

हालांकि निर्वाचन आयोग की ओर से अभी इस संबंध में आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

बिहार में यह विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया आगामी विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए मतदाता सूची की शुद्धता और विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए शुरू की गई है। इसमें घर-घर जाकर सत्यापन और एन्युमरेशन फॉर्म्स (EF) एकत्र किए जा रहे हैं।

शनिवार तक इस अभियान के तहत बिहार में 80.11% मतदाताओं ने अपने फॉर्म जमा कर दिए हैं।

“आज शाम 6 बजे तक कुल 6,32,59,497 फॉर्म एकत्र किए जा चुके हैं, जो कुल मतदाताओं का 80.11% है। इस रफ्तार से 25 जुलाई से पहले ही अधिकांश फॉर्म जमा हो जाएंगे,” चुनाव आयोग के एक अधिकारी ने बताया।

अधिकारी ने यह भी बताया कि आयोग ने 100% एन्युमरेशन फॉर्म की छपाई पूरी कर ली है और उनका वितरण भी लगभग पूरा हो चुका है।

शनिवार शाम तक BLO द्वारा 4.66 करोड़ फॉर्म डिजिटल रूप से ECINet पर अपलोड किए जा चुके हैं। ECINet, चुनाव आयोग का नया एकीकृत डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म है, जिसमें पहले मौजूद 40 ऐप्स को एक में समाहित किया गया है।

SIR के दूसरे चरण में BLO घर-घर जाकर मतदाताओं से फॉर्म भरवाने और इकट्ठा करने का कार्य कर रहे हैं।

मैदानी स्तर पर 38 जिला पुनरीक्षण अधिकारी (DRO), 243 विधानसभा क्षेत्रों के निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी (ERO), 963 सहायक ERO, 77,895 BLO और हाल ही में नियुक्त 20,603 नए BLO इस प्रक्रिया में लगे हुए हैं।

इसके अलावा 1.56 लाख बूथ लेवल एजेंट (BLA) और 4 लाख से अधिक स्वयंसेवक बुजुर्गों, दिव्यांगों, बीमारों और असहाय नागरिकों को सहयोग दे रहे हैं, जिससे अब तक 80.11% फॉर्म एकत्र हो चुके हैं।

मतदाता सूची के 1 अगस्त को जारी होने वाले ड्राफ्ट में नाम जुड़वाने के लिए मतदाताओं को अपने फॉर्म आवश्यक दस्तावेजों के साथ जल्द से जल्द जमा करने होंगे। यदि कोई मतदाता दस्तावेज समय पर नहीं दे पाता है तो वह 30 अगस्त तक दावे और आपत्तियों की अंतिम तिथि के तहत दस्तावेज जमा कर सकता है।

इस पुनरीक्षण अभियान को लेकर बिहार की राजनीति में विवाद भी खड़ा हो गया है।
विपक्षी गठबंधन 'INDIA' ने इसे केवल मतदाता सूची शुद्धिकरण नहीं, बल्कि राजनीतिक चाल बताते हुए आरोप लगाया कि यह मतदाताओं को हटाने और सत्तारूढ़ NDA को लाभ पहुंचाने की कोशिश है।

 

With inputs from IANS