मंगलुरु — तमिलनाडु के श्रीकांत डी. ने इंडियन ओपन ऑफ सर्फिंग में पुरुष ओपन वर्ग का खिताब जीत लिया, जबकि कमली मूर्ति ने शानदार प्रदर्शन करते हुए महिला ओपन और ग्रोम्स गर्ल्स (अंडर-16) दोनों खिताबों का सफलतापूर्वक बचाव किया। वहीं, तमिलनाडु के प्रह्लाद श्रीराम ने ग्रोम्स बॉयज़ (अंडर-16) वर्ग में बाजी मारी।
पिछले वर्ष उपविजेता रहे श्रीकांत इस बार अधिक मजबूत और केंद्रित होकर लौटे और 14.63 अंकों के साथ जीत दर्ज की। मौजूदा राष्ट्रीय चैंपियन रमेश बुडिलाल को 11.87 अंकों के साथ दूसरा स्थान मिला। शिवराज बाबू (9.77) और संजय सेल्वमणि (7.07) ने शीर्ष चार में जगह बनाई।
कमली मूर्ति, जो पहले से ही भारत की प्रमुख महिला सर्फर मानी जाती हैं, ने अपनी श्रेष्ठता को दोहराते हुए महिला ओपन और ग्रोम्स गर्ल्स (U-16) दोनों वर्गों में फिर से जीत हासिल की। महिला ओपन फाइनल में कमली ने 13.33 अंकों के साथ शुगर शांति बनारसे (10.50) को हराया, जबकि शृष्टि सेल्वम ने 2.47 अंकों के साथ तीसरा स्थान प्राप्त किया।
ग्रोम्स गर्ल्स फाइनल में कमली ने प्रतियोगिता की सबसे उच्चतम हीट स्कोर – 15.50 के साथ एक शानदार प्रदर्शन किया और अपने खिताब की रक्षा की। उन्होंने आद्या सिंह (2.36) और सान्वी हेगड़े (2.20) को काफी पीछे छोड़ दिया।
ग्रोम्स बॉयज़ (U-16) फाइनल में प्रह्लाद श्रीराम ने 11.06 अंकों के साथ जीत दर्ज की, जबकि हर्ष पी. (9.67) और सोम सेठी (9.30) ने करीबी मुकाबले में क्रमशः दूसरा और तीसरा स्थान हासिल किया। इस वर्ग में मुकाबला बेहद कड़ा रहा, जिससे भारत में उभरती हुई सर्फिंग प्रतिभाओं की गहराई का अंदाज़ा लगाया जा सकता है।
इस प्रतियोगिता का आयोजन सर्फिंग स्वामी फाउंडेशन द्वारा और मंत्रा सर्फ क्लब की मेज़बानी में, सर्फिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के तत्वावधान में किया गया। शुरुआती दिन भारी बारिश और अरब सागर में चक्रवात के चलते समुद्री स्थिति असुरक्षित रहने के कारण प्रतिस्पर्धाएं रद्द करनी पड़ीं।
बाद में यह कार्यक्रम बंद दरवाज़ों के पीछे, केवल प्रतिभागियों और अधिकारियों की मौजूदगी में संपन्न हुआ।
सर्फिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के उपाध्यक्ष और मंत्रा सर्फ क्लब के निदेशक रममोहन परांजपे ने कहा,
“हालांकि कार्यक्रम को फिर से शेड्यूल करना और सीमित रूप में आयोजित करना पड़ा, लेकिन सर्फिंग की गुणवत्ता शानदार रही। यह इवेंट राष्ट्रीय सर्फिंग चैंपियनशिप श्रृंखला का दूसरा चरण है। प्रतियोगिता को रद्द करना खिलाड़ियों की रैंकिंग पर असर डालता, इसलिए हमने इसे हर हाल में करवाने का फैसला किया। कम संसाधनों और बिना दर्शकों के आयोजन के बावजूद खिलाड़ियों की लगन और प्रतिस्पर्धा की भावना प्रेरणादायक रही।”
With inputs from IANS