आईआईटी खड़गपुर के अध्ययन में सामने आया खुलासा: देश के वनों के स्वास्थ्य में लगातार गिरावटBy Admin Wed, 17 September 2025 06:59 AM

कोलकाता- आईआईटी खड़गपुर के शोधकर्ताओं के नए अध्ययन में खुलासा हुआ है कि भारत के वनों का स्वास्थ्य लगातार गिर रहा है। इसका मुख्य कारण प्रकाश संश्लेषण (फोटोसिंथेटिक) दक्षता में कमी है, जबकि देश में हरियाली बढ़ी है और वैश्विक स्तर पर कार्बन अवशोषण में भी योगदान रहा है।

इस अध्ययन का शीर्षक है “वीकनिंग ऑफ फॉरेस्ट कार्बन स्टॉक्स ड्यू टू डिक्लाइनिंग इकोसिस्टम फोटोसिंथेटिक एफिशिएंसी अंडर द करंट एंड फ्यूचर क्लाइमेट चेंज सिनेरियोस इन इंडिया”। इसे आईआईटी खड़गपुर के सेंटर फॉर ओशन, रिवर, एटमॉस्फियर एंड लैंड साइंसेज के प्रोफेसर जयनारायणन कुट्टिपुरथ और राहुल कश्यप ने नेतृत्व किया।

अध्ययन में तीन मुख्य निष्कर्ष सामने आए:

  • वर्ष 2010-2019 के बीच भारतीय वनों की फोटोसिंथेटिक दक्षता 2000-2009 की तुलना में 5 प्रतिशत घट गई।

  • यह गिरावट सबसे अधिक पूर्वी हिमालय, पश्चिमी घाट और इंडो-गंगेटिक मैदानों के प्राकृतिक वनों में देखी गई।

  • केवल 16 प्रतिशत वन ही गर्मी, सूखापन, भूमि और वायुमंडलीय शुष्कता तथा जंगल की आग जैसी चुनौतियों में उच्च लचीलापन दिखाते हैं।

प्रो. कुट्टिपुरथ ने कहा, “वनों के स्वास्थ्य में आई गिरावट का मुख्य कारण ग्लोबल वार्मिंग से मिट्टी की नमी में कमी और तापमान में वृद्धि है। भूस्खलन और जंगल की आग भी प्राकृतिक कारण हैं, जबकि वनों की कटाई, खनन और अन्य विकासात्मक गतिविधियाँ भी इसमें योगदान देती हैं।”

वनों का यह क्षरण जैव विविधता, लकड़ी उत्पादन, वनवासियों की आजीविका और जलवायु से निपटने की दीर्घकालीन क्षमता के लिए गंभीर खतरा है।

राहुल कश्यप ने कहा, “वन संसाधनों का क्षरण न केवल अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा, बल्कि लकड़ी के उत्पादन, बाजार, वृक्षारोपण की तीव्रता और वनवासियों के जीवन पर भी असर डालेगा। यह जैव विविधता को भी विलुप्ति की ओर धकेल सकता है और पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील क्षेत्रों में अधिक बार जलवायु संकट ला सकता है।”

अध्ययन में जोर दिया गया है कि देश को स्थानीय वनों का संरक्षण, सतत वानिकी प्रबंधन, वैज्ञानिक वृक्षारोपण कार्यक्रम, कार्बन उत्सर्जन में भारी कमी और उन्नत कार्बन कैप्चर तकनीकों को प्राथमिकता देनी चाहिए।

ये उपाय स्थिरता हासिल करने और भारत के 2070 तक नेट ज़ीरो उत्सर्जन लक्ष्य को पूरा करने के लिए बेहद ज़रूरी हैं।