एक अध्ययन में पता चला है कि कुछ याददाश्त से जुड़ी समस्याओं से जूझ रहे लोग अक्सर अधिक क्यों खाते हैंBy Admin Thu, 12 June 2025 03:19 AM

नई दिल्ली — अमेरिका के वैज्ञानिकों की एक टीम ने मस्तिष्क की कुछ खास कोशिकाओं की पहचान की है, जो यह समझा सकती हैं कि स्मृति से जुड़ी समस्याओं से ग्रस्त लोग अक्सर जरूरत से ज्यादा क्यों खाते हैं।

अध्ययन में यह सामने आया कि जो लोग हाल ही में किए गए भोजन को बार-बार भूल जाते हैं, वे बार-बार भूख महसूस करते हैं, जिससे खाने की आदतों में गड़बड़ी हो सकती है।

यूनिवर्सिटी ऑफ साउदर्न कैलिफोर्निया के वैज्ञानिकों ने बताया कि मस्तिष्क की एक खास समूह की कोशिकाएं न सिर्फ यह याद रखती हैं कि व्यक्ति ने क्या खाया, बल्कि यह भी कि कब खाया।

जब कोई व्यक्ति भोजन करता है, तब मस्तिष्क के वेंटरल हिप्पोकैम्पस क्षेत्र में मौजूद न्यूरॉन्स सक्रिय हो जाते हैं और एक विशेष प्रकार की याददाश्त बनाते हैं, जिसे वैज्ञानिकों ने “मील एंग्राम्स” नाम दिया है। ये एंग्राम्स भोजन के अनुभव से जुड़ी जानकारी को संरक्षित करते हैं।

हालांकि वैज्ञानिकों ने पहले भी मस्तिष्क में अनुभव और यादों को संचित करने वाले एंग्राम्स का अध्ययन किया है, लेकिन यह अध्ययन, जिसे नेचर कम्युनिकेशंस पत्रिका में प्रकाशित किया गया है, खासतौर पर भोजन संबंधी एंग्राम्स की पहचान करता है।

प्रोफेसर स्कॉट कानोस्की, जो यूएससी डॉर्नसाइफ कॉलेज ऑफ लेटर्स, आर्ट्स एंड साइंसेज़ में जीव विज्ञान के प्रोफेसर हैं, ने कहा,

“मील एंग्राम्स एक उन्नत जैविक डेटाबेस की तरह काम करते हैं, जो इस बात की जानकारी रखते हैं कि आप कहां खा रहे थे और कब खा रहे थे।”

उन्होंने यह भी कहा कि यह शोध मोटापे और वजन प्रबंधन के इलाज के लिए नए तरीके विकसित करने में मददगार हो सकता है।

फिलहाल वजन कम करने के उपाय आमतौर पर खानपान में कटौती या व्यायाम बढ़ाने पर केंद्रित रहते हैं, लेकिन यह शोध बताता है कि भोजन से जुड़ी यादों को मजबूत बनाना भी उतना ही जरूरी हो सकता है।

वैज्ञानिकों ने इस अध्ययन में चूहों के मस्तिष्क में तंत्रिका गतिविधियों को लाइव ट्रैक करने के लिए उन्नत न्यूरोसाइंस तकनीकों का उपयोग किया और पहली बार भोजन की यादें बनने की प्रक्रिया को प्रत्यक्ष रूप से देखा।

शोध में पाया गया कि भोजन से जुड़ी यादें बनाने वाले न्यूरॉन्स अन्य सामान्य यादों से जुड़े न्यूरॉनों से अलग होते हैं। जब इन खास न्यूरॉनों को नष्ट किया गया, तो चूहों को भोजन का स्थान याद नहीं रहा, हालांकि वे अन्य स्थानों की सामान्य याददाश्त बनाए रखने में सक्षम थे। इससे यह साबित होता है कि भोजन संबंधी जानकारी को संसाधित करने के लिए मस्तिष्क में एक अलग प्रणाली है।

इसके अलावा, शोध में यह भी पता चला कि ये न्यूरॉन्स मस्तिष्क के लैटरल हाइपोथैलेमस क्षेत्र के साथ संवाद करते हैं, जो लंबे समय से भूख और भोजन के व्यवहार को नियंत्रित करने के लिए जाना जाता है। जब इस कनेक्शन को अवरुद्ध किया गया, तो चूहे अधिक खाने लगे और उन्हें यह याद नहीं रहा कि उन्होंने भोजन कहां किया था।

 

With inputs from IANS