नई दिल्ली — एक ऑस्ट्रेलियाई अध्ययन के अनुसार, चक्रवातों के शुरुआती और संवेदनशील चरणों में एयरोसोल्स (सूक्ष्म वायुमंडलीय कणों) को रणनीतिक रूप से फैलाकर उनके निर्माण को बाधित किया जा सकता है। यह तकनीक भविष्य में खतरनाक चक्रवातों को कमजोर करने में कारगर हो सकती है।
ऑस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी (ANU) के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए इस अग्रणी अध्ययन में कहा गया है कि यह तकनीक जलवायु परिवर्तन के कारण तीव्र हो रहे चरम मौसम की घटनाओं से निपटने में एक नई दिशा प्रदान कर सकती है। यह जानकारी शिन्हुआ समाचार एजेंसी ने दी।
जहां पहले के प्रयास अधिकतर उन चक्रवातों पर केंद्रित रहे हैं जो भूमि के पास आ चुके होते हैं, यह नया अध्ययन उनके प्रारंभिक विकास चरण पर ध्यान केंद्रित करता है, जहां हस्तक्षेप अधिक प्रभावी हो सकता है।
अध्ययन की प्रमुख लेखिका रॉस्लिन प्रिंसली, जो ANU के इंस्टीट्यूट फॉर क्लाइमेट, एनर्जी एंड डिजास्टर सॉल्यूशंस में एसोसिएट प्रोफेसर हैं, ने यह जानकारी दी।
इस अध्ययन में पहली बार यह दिखाया गया है कि एयरोसोल्स के आकार के अनुसार उनका प्रभाव अलग-अलग होता है —
मोटे कण शुरुआत में चक्रवात की तीव्रता को धीमा करते हैं।
जबकि सूक्ष्म और अति-सूक्ष्म कण पहले उसकी गति बढ़ा सकते हैं, लेकिन अंततः चक्रवात को अधिक प्रभावशाली रूप से कमजोर करते हैं।
प्रिंसली ने बताया,
"अगर आप अलग-अलग आकार के एयरोसोल्स का उपयोग करते हैं तो उनका चक्रवात पर प्रभाव भी अलग होता है — लेकिन हर एक में संभावनाएं हैं।"
उन्होंने आगे कहा,
"हमारा अध्ययन पहली बार दर्शाता है कि विभिन्न आकार के एयरोसोल्स का उष्णकटिबंधीय चक्रवात के निर्माण पर क्या असर होता है। हमने पाया कि मोटे कण आरंभिक गति को कम करते हैं, जबकि सूक्ष्म कण पहले उसे बढ़ाते हैं, लेकिन बाद में उसे और अधिक कमजोर करते हैं।"
एयरोसोल्स को सही जगह तक पहुंचाना एक बड़ा चुनौतीपूर्ण कार्य है, जिसके लिए कई विमानों की मदद से कुछ घंटों तक एयरोसोल्स को फैलाना होगा।
यह अध्ययन "जर्नल ऑफ जियोफिजिकल रिसर्च: एटमॉस्फियर्स" में प्रकाशित हुआ है, जो अमेरिकन जियोफिजिकल यूनियन का प्रकाशन है। इसमें कंप्यूटर सिमुलेशन के ज़रिए एयरोसोल्स और चक्रवात के बीच जटिल पारस्परिक क्रियाओं को दर्शाया गया है।
प्रिंसली ने यह भी ज़ोर दिया कि सटीक पूर्वानुमान मॉडल इस तरह के हस्तक्षेप को सफल बनाने के लिए बेहद आवश्यक हैं।
हालांकि विमानों के माध्यम से एयरोसोल्स का छिड़काव तकनीकी और लॉजिस्टिक रूप से जटिल है, लेकिन प्रिंसली ने सुझाव दिया है कि इसकी परीक्षण प्रक्रिया पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के दूरदराज़ समुद्री क्षेत्रों में की जा सकती है, जहां चक्रवात भूमि को प्रभावित नहीं करते।
With inputs from IANS