नई दिल्ली — सरकारी उपक्रम ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉर्पोरेशन (ONGC) ने शनिवार को कहा कि असम में गैस रिसाव की घटना पर नियंत्रण पाने के प्रयासों में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। कंपनी के अनुसार, गैस का प्रवाह दर अब काफी कम हो गया है, जो containment यानी नियंत्रण की दिशा में एक अहम कदम है।
अमेरिका की विशेषज्ञ कंपनी CUDD प्रेशर कंट्रोल की अंतरराष्ट्रीय टीम ने स्थल पर पहुंचकर हालात का प्रारंभिक आकलन किया और ONGC की अब तक की कार्रवाई की समीक्षा की।
ONGC ने एक बयान में कहा,
"विशेषज्ञों ने अब तक अपनाई गई रणनीति और क्रियान्वयन पर सहमति जताई है, जिससे यह साबित होता है कि ONGC द्वारा अपनाया गया तरीका सुरक्षित और प्रभावी है।"
आगे की योजना के अनुसार, स्थल पर व्यापक तैयारियां जारी हैं ताकि अगले चरण की कार्रवाई को अंजाम दिया जा सके।
ONGC ने बताया कि कुएं से ट्यूबलर (लोहे की पाइपें) निकालने की प्रक्रिया शुरू हो गई है और रिग फ्लोर से टयूबिंग हटाने के लिए क्रेनों की तैनाती भी की जा रही है।
सुरक्षा के तहत 24 घंटे वॉटर ब्लैंकेटिंग (पानी से घेरे में लेना) का कार्य लगातार जारी है। इसके साथ ही पास की दिखो नदी के जलस्तर की निगरानी भी की जा रही है ताकि सभी कार्य पर्यावरणीय और सुरक्षा मानकों के अनुरूप हों।
ONGC ने आगे बताया,
"कुएं के आसपास की हवा में गैस के स्तर को मापने के लिए रियल टाइम गैस डिटेक्टर्स से Low Explosive Limit (LEL) की लगातार निगरानी की जा रही है। राहत शिविरों में जरूरतमंदों को चिकित्सीय सहायता भी प्रदान की जा रही है।"
सिवसागर ज़िले के भाटियापारा इलाके में ONGC के रिग से हो रही गैस रिसाव की घटना पर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी को पत्र लिखकर आग्रह किया कि ONGC को मिशन मोड में कुएं पर नियंत्रण के प्रयास तेज़ करने के निर्देश दिए जाएं, ताकि स्थिति और ना बिगड़े।
इससे पहले इसी सप्ताह हरदीप पुरी ने असम में ONGC द्वारा चलाए जा रहे 'वेल कंट्रोल' कार्यों की समीक्षा भी की थी।
ONGC ने कहा है कि वह उच्चतम सुरक्षा मानकों और संचालन दक्षता के लिए प्रतिबद्ध है, और अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों व स्थानीय प्रशासन के सहयोग से जल्द से जल्द स्थिति को पूरी तरह नियंत्रित करने का प्रयास कर रही है।
With inputs from IANS