अध्ययन में खुलासा: सिर्फ आदतें नहीं, बल्कि पर्यावरण भी तय करता है आपकी नींदBy Admin Fri, 27 June 2025 02:22 PM

नई दिल्ली- एक नए अध्ययन में पता चला है कि किसी व्यक्ति की नींद केवल उसकी व्यक्तिगत आदतों पर नहीं, बल्कि सप्ताह के दिन, मौसम और भौगोलिक स्थिति जैसे बाहरी पर्यावरणीय कारकों पर भी निर्भर करती है।

दक्षिण ऑस्ट्रेलिया की फ्लिंडर्स यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के नेतृत्व में यह अध्ययन किया गया है। इसमें 1 लाख 16 हजार से अधिक वयस्कों के 7 करोड़ 30 लाख से अधिक नींद के रातों का डेटा शामिल किया गया। शोधकर्ताओं ने इसके लिए 3.5 वर्षों तक गद्दे के नीचे लगाए जाने वाले डिवाइस से नींद की अवधि और समय को ट्रैक किया। यह जानकारी शिन्हुआ समाचार एजेंसी ने दी।

अध्ययन में पाया गया कि नींद पर व्यक्तिगत आदतों के अलावा दिन की रोशनी, तापमान और साप्ताहिक रूटीन जैसे पर्यावरणीय कारक भी गहरा असर डालते हैं।

फ्लिंडर्स यूनिवर्सिटी की नींद विशेषज्ञ हन्ना स्कॉट ने कहा, "हमारी रिसर्च यह दिखाती है कि मानव नींद में मौसमी बदलाव होता है और यह जनसांख्यिकी और भौगोलिक स्थिति से प्रभावित होती है।"

अध्ययन के मुताबिक, उत्तरी गोलार्ध (Northern Hemisphere) में रहने वाले लोग सर्दियों में औसतन 15 से 20 मिनट अधिक सोते हैं, जबकि दक्षिणी गोलार्ध (Southern Hemisphere) में गर्मियों में नींद कम होती है।

हन्ना स्कॉट ने आगे कहा, "दिलचस्प बात यह रही कि कोई व्यक्ति जितना अधिक भूमध्य रेखा (Equator) से दूर रहता है, उसके नींद में मौसमी बदलाव उतना ही ज्यादा देखा गया।"

इसके अलावा लोग सप्ताहांत पर देर से सोते हैं और देर तक सोते रहते हैं, जिससे काम और पारिवारिक जिम्मेदारियों के बीच खोई हुई नींद की थोड़ी भरपाई हो जाती है, खासकर मध्यम आयु वर्ग के लोगों में।

अध्ययन में यह भी सामने आया कि इन अनियमित नींद की आदतों का सेहत पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। यह रिसर्च 'स्लीप' जर्नल में प्रकाशित हुई है।

शोध में यह भी पाया गया कि 2020 से 2023 के बीच नींद की अवधि में धीरे-धीरे गिरावट आई, लोग हर रात औसतन 2.5 मिनट कम सोने लगे। माना जा रहा है कि इसका कारण कोविड-19 महामारी के दीर्घकालिक प्रभाव हो सकते हैं।

फ्लिंडर्स यूनिवर्सिटी के डैनी एकर्ट ने कहा, "अनियमित नींद केवल थकावट नहीं लाती, बल्कि यह स्वास्थ्य के लिए जोखिम पैदा कर सकती है। यह समझना बेहद जरूरी है कि हमारी जीवनशैली और पर्यावरण हमारी नींद को कैसे प्रभावित करते हैं। यह नींद सुधारने की दिशा में अहम कदम है।"

हालांकि यह अध्ययन तकनीक से जुड़े लोगों पर केंद्रित था और इसमें पालतू जानवरों या जीवनसाथी जैसे अन्य कारकों को शामिल नहीं किया गया, लेकिन यह साफ तौर पर दिखाता है कि पर्यावरण नींद को प्रभावित करता है। शोधकर्ताओं ने बेहतर नींद के लिए लोगों को समय, मौसम और वातावरण का ध्यान रखने की सलाह दी है।

 

With inputs from IANS