सुबह की कॉफी पीना बढ़ती उम्र को धीमा करने और लंबी उम्र बढ़ाने में मददगार : अध्ययनBy Admin Sat, 28 June 2025 07:43 AM

नई दिल्ली- क्या आप भी सुबह की कॉफी के शौकीन हैं? एक नई रिसर्च में खुलासा हुआ है कि आपकी पसंदीदा सुबह की कॉफी न सिर्फ आपको ऊर्जा देती है, बल्कि उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करने और लंबी उम्र पाने में भी मदद कर सकती है।

कैफीन को पहले भी कई स्वास्थ्य लाभों से जोड़ा गया है, जिनमें उम्र से संबंधित बीमारियों का कम जोखिम शामिल है।

हालांकि, यूके स्थित क्वीन मैरी यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन के शोधकर्ताओं के नेतृत्व में हुई इस नई स्टडी में यह पता चला है कि कैफीन शरीर की कोशिकाओं के भीतर किस तरह काम करता है और इसका पोषक तत्वों व तनाव से जुड़ी जीन और प्रोटीन प्रणालियों पर क्या प्रभाव पड़ता है।

शोध में वैज्ञानिकों ने पाया कि कैफीन उम्र बढ़ने को नियंत्रित करने के लिए एक प्राचीन कोशिकीय ऊर्जा प्रणाली को सक्रिय करता है।

उन्होंने बताया कि कैफीन एक अहम सिस्टम AMPK को सक्रिय करता है, जिसे 'सेलुलर फ्यूल गेज' भी कहा जाता है। यह सिस्टम यीस्ट (खमीर) से लेकर इंसानों तक, विकास की प्रक्रिया में संरक्षित रहा है।

क्वीन मैरी यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन के सेंटर फॉर मॉलिक्यूलर सेल बायोलॉजी के विशेषज्ञ डॉ. चारालाम्पोस (बेबिस) रालिस ने कहा, “जब आपकी कोशिकाओं में ऊर्जा की कमी होती है, तो AMPK सिस्टम सक्रिय होकर कोशिकाओं को संभालने में मदद करता है।”

उन्होंने आगे कहा, “हमारे नतीजों से स्पष्ट है कि कैफीन इस सिस्टम को सक्रिय करने में सहायक है।” यह अध्ययन ‘माइक्रोबियल सेल’ नामक जर्नल में प्रकाशित हुआ है।

दिलचस्प बात यह है कि AMPK वही सिस्टम है, जिसे मधुमेह के इलाज में इस्तेमाल होने वाली आम दवा मेटफॉर्मिन भी लक्षित करती है। मेटफॉर्मिन को भी इंसानी जीवनकाल बढ़ाने की संभावनाओं के तहत, रैपामाइसिन दवा के साथ शोध में शामिल किया गया है।

शोधकर्ताओं ने यीस्ट मॉडल का उपयोग कर दिखाया कि कैफीन का AMPK पर असर कोशिकाओं की वृद्धि, डीएनए मरम्मत और तनाव के प्रति प्रतिक्रिया में सुधार करता है, जो सभी आयु बढ़ने और बीमारियों से जुड़े कारक हैं।

अध्ययन का नेतृत्व कर रहे पोस्टडॉक्टरल रिसर्च साइंटिस्ट डॉ. जॉन-पैट्रिक अलाओ ने कहा, “ये निष्कर्ष बताते हैं कि कैफीन स्वास्थ्य और दीर्घायु के लिए फायदेमंद क्यों हो सकता है।”

उन्होंने आगे कहा, “इस शोध से भविष्य में यह समझने के नए रास्ते खुल सकते हैं कि हम डाइट, लाइफस्टाइल या नई दवाओं के ज़रिए इन प्रभावों को सीधे कैसे सक्रिय कर सकते हैं।”

 

With inputs from IANS