नई दिल्ली- एक अध्ययन में सामने आया है कि घातक कोविड-19 महामारी के दौरान महिलाओं के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर पुरुषों की तुलना में कहीं अधिक बुरा असर पड़ा।
यह अध्ययन 'सोशल साइंस एंड मेडिसिन' जर्नल में प्रकाशित हुआ है, जिसमें बताया गया कि महामारी के दौरान महिलाओं और पुरुषों दोनों में मानसिक तनाव बढ़ा, लेकिन महिलाओं में इसका स्तर अधिक रहा।
अध्ययन के अनुसार, महामारी के दौरान महिलाओं के लिए स्वस्थ जीवनशैली और मानसिक स्वास्थ्य के बीच का संबंध कमजोर हो गया। यानी, स्वस्थ जीवनशैली अपनाने का मानसिक स्वास्थ्य पर कोई विशेष सकारात्मक प्रभाव नहीं दिखा।
वहीं दूसरी ओर, पुरुषों में यह संबंध स्थिर बना रहा। शोधकर्ताओं ने बताया कि महामारी से पहले, महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य पर स्वास्थ्यकारी आदतों का अधिक सकारात्मक असर पड़ता था, लेकिन महामारी के दौरान यह लाभ पुरुषों में अधिक देखने को मिला। यह अध्ययन स्कॉटलैंड की यूनिवर्सिटी ऑफ एबरडीन के शोधकर्ताओं द्वारा किया गया।
शोध का नेतृत्व कर रहे प्रोफेसर पॉल मैकनेमी ने कहा, "हमने पाया कि महामारी के दौरान महिलाओं में स्वास्थ्य संबंधी आदतों में पुरुषों की तुलना में अधिक गिरावट दर्ज की गई। खासतौर पर महिलाओं ने फल खाने के दिनों में कमी बताई और शराब सेवन में अपेक्षाकृत कम कटौती की। साथ ही, मानसिक तनाव महिलाओं और पुरुषों दोनों में बढ़ा, लेकिन महिलाओं में इसकी तीव्रता अधिक थी।"
शोधकर्ताओं ने यह जानने के लिए जनवरी 2015 से मार्च 2023 तक का राष्ट्रीय डेटा विश्लेषण किया ताकि यह समझा जा सके कि महामारी ने महिलाओं और पुरुषों के स्वास्थ्य व्यवहार पर अलग-अलग कैसे प्रभाव डाला।
नतीजों से स्पष्ट हुआ कि महिलाओं पर महामारी का नकारात्मक असर पुरुषों की तुलना में ज्यादा था।
सिंगापुर के ड्यूक-एनयूएस मेडिकल स्कूल से अध्ययन में शामिल डॉ. करेन अरुलसामी ने कहा, "महामारी के दौरान महिलाओं की स्वास्थ्य आदतों में जो नकारात्मक बदलाव दिखे, वे मई 2023 तक बने रहे। इसका कारण वित्तीय दबाव भी रहा, जिसने इन प्रभावों को लंबे समय तक बनाए रखा। इसलिए इन रुझानों पर नजर बनाए रखना बेहद जरूरी है।"
अध्ययन में यह भी कहा गया कि ऐसी विषम परिस्थितियों में लक्षित हस्तक्षेप आवश्यक हैं, क्योंकि सामाजिक-आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की महिलाएं, विशेष रूप से जिन पर देखभाल की जिम्मेदारी होती है, उनके लिए सामाजिक जुड़ाव बनाए रखना और स्वस्थ जीवनशैली अपनाना और अधिक कठिन हो जाता है।
With inputs from IANS