शुभांशु शुक्ला 14 जुलाई को पृथ्वी वापसी के लिए होंगे रवाना: एक्सिओम स्पेसBy Admin Fri, 11 July 2025 05:57 AM

नई दिल्ली — अंतरिक्ष में मौजूद भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला 14 जुलाई को पृथ्वी के लिए अपनी वापसी की यात्रा शुरू करेंगे। यह जानकारी शुक्रवार को Axiom Space ने दी।

शुक्ला अपने तीन अन्य सहयोगियों — पेगी व्हिटसन, स्लावोस उज्नांस्की-विश्नेव्स्की, और टिबोर कापू के साथ SpaceX Dragon यान में इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) के हार्मनी मॉड्यूल के अंतरिक्ष की ओर स्थित पोर्ट से अनडॉक करेंगे।

Axiom Space ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर कहा:

“#Ax4 क्रू के 14 जुलाई सोमवार को सुबह 7:05 बजे ET (भारतीय समयानुसार शाम 4:35 बजे) @Space_Station से अनडॉक करने की संभावना है।”

अनडॉकिंग के कुछ घंटों बाद प्रशांत महासागर में कैलिफोर्निया तट के पास स्प्लैशडाउन की उम्मीद है।

नासा के कमर्शियल क्रू प्रोग्राम के मैनेजर स्टीव स्टिच ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया,

“हम स्टेशन कार्यक्रम के साथ समन्वय कर रहे हैं और Axiom-4 मिशन की स्थिति पर लगातार नजर रख रहे हैं। फिलहाल लक्ष्य है कि 14 जुलाई को यह मिशन अनडॉक हो जाए।”

भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला 14-दिनों के मिशन पर ISS में हैं। वह अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर जाने वाले पहले भारतीय और 1984 में राकेश शर्मा के बाद दूसरे भारतीय अंतरिक्ष यात्री बने हैं।

ISS पर रहते हुए शुक्ला ने भारत केंद्रित सात प्रयोग किए जो गगनयान मानव अंतरिक्ष मिशन की दिशा में बड़ा कदम माने जा रहे हैं। इन प्रयोगों में शामिल हैं:

  • अंतरिक्ष में मांसपेशियों की कमजोरी को समझना

  • मस्तिष्क और कंप्यूटर इंटरफेस विकसित करना

  • हरे मूंग और मेथी के बीजों को अंकुरित करना आदि।

शुक्ला ने केरल और लखनऊ के छात्रों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संवाद भी किया। इस दौरान छात्रों ने उनसे पूछा —

  • अंतरिक्ष यात्री क्या खाते हैं?

  • वे वहां कैसे सोते हैं?

  • अगर कोई बीमार पड़ जाए तो क्या होता है?

  • अंतरिक्ष यात्रा का सबसे मजेदार हिस्सा क्या होता है?

इस बातचीत में शुभांशु ने Axiom मिशन 4 के लॉन्च अनुभव को "शानदार" और "गतिशील" बताया।

उन्होंने छात्रों से कहा:

“यह वास्तव में मजेदार है, क्योंकि अंतरिक्ष में न तो कोई ज़मीन होती है और न ही छत। अगर आप स्टेशन पर आएं तो देखेंगे कि कोई दीवार पर सो रहा है, तो कोई छत पर।”

 

 

With inputs from IANS